एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) एक भारतीय गैर-सरकारी संगठन (NGO) है, जो चुनावी सुधारों, पारदर्शिता, और भारत में सुशासन को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। इसकी स्थापना 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद के संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों द्वारा की गई थी। संगठन का मुख्य उद्देश्य भारत में चुनावी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
स्थापना और उद्देश्य
ADR की स्थापना 1999 में हुई थी, जब IIM अहमदाबाद के कुछ संकाय सदस्यों ने भारतीय चुनावी प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। इस याचिका के परिणामस्वरूप, 2002 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राजनीतिक उम्मीदवारों को अपने आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक विवरण सार्वजनिक करने का निर्देश दिया।
ADR का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना, राजनीतिक दलों की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करना और नागरिकों को मतदाता जागरूकता के माध्यम से सशक्त बनाना है।
प्रमुख कार्य और पहल
ADR भारत में चुनावी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य और पहल कर चुका है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- राजनीतिक उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि की निगरानी – ADR चुनावों से पहले उम्मीदवारों की संपत्ति, देनदारियों, आपराधिक मामलों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को सार्वजनिक करता है।
- राष्ट्रीय चुनाव घड़ी (National Election Watch - NEW) – यह पहल नागरिकों को राजनीतिक उम्मीदवारों और दलों की वित्तीय एवं आपराधिक जानकारी प्रदान करने के लिए चलाई जाती है।
- राजनीतिक दलों के वित्तीय विश्लेषण – ADR विभिन्न राजनीतिक दलों की आय और व्यय की निगरानी करता है और उनकी वित्तीय गतिविधियों की पारदर्शिता को उजागर करता है।
- लोकसभा और विधानसभा चुनावों का डेटा विश्लेषण – संगठन चुनावी आंकड़ों का विश्लेषण कर महत्वपूर्ण निष्कर्ष जनता के समक्ष प्रस्तुत करता है।
- जन जागरूकता अभियान – ADR मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियानों और वर्कशॉप का आयोजन करता है।
प्रमुख अदालती फैसले
ADR की याचिकाओं के कारण भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- 2002 का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय – उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड, संपत्ति और शैक्षिक योग्यता का खुलासा करने के लिए बाध्य किया गया।
- 2013 में सुप्रीम कोर्ट का "राइट टू रिजेक्ट" निर्णय – चुनावों में 'कोई भी उम्मीदवार नहीं' (NOTA) विकल्प लागू किया गया।
- 2019 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला – राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त दान का विवरण सार्वजनिक करने के लिए निर्देशित किया गया।
प्रभाव और आलोचना
ADR का भारतीय चुनावी प्रणाली पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिससे चुनावी पारदर्शिता और राजनीतिक वित्त पोषण में सुधार हुआ है। हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों ने इसकी निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।