अल्लाह रक्खा रहमान (जन्म: 6 जनवरी 1967) भारतीय संगीतकार, गायक, और गीतकार हैं, जिन्हें भारतीय फिल्म उद्योग और अंतरराष्ट्रीय संगीत मंच पर उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए जाना जाता है। वे मुख्य रूप से तमिल और हिंदी सिनेमा में काम करते हैं, लेकिन उनकी संगीत प्रतिभा ने उन्हें विश्व स्तर पर प्रसिद्ध बना दिया है। ए. आर. रहमान को उनके संगीत की विविधता, नवीनता और गहराई के लिए जाना जाता है। उन्हें "मोजार्ट ऑफ मद्रास" के नाम से भी जाना जाता है।
प्रारंभिक जीवन
ए. आर. रहमान का जन्म तमिलनाडु के चेन्नई (मद्रास) में हुआ। उनके पिता आर. के. शेखर एक संगीतकार और कंडक्टर थे। रहमान का झुकाव बचपन से ही संगीत की ओर था। उनके पिता के निधन के बाद, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई, और रहमान ने कम उम्र में ही संगीत उपकरण बजाकर अपनी आजीविका शुरू की। उन्होंने कीबोर्ड, पियानो, सिंथेसाइज़र, और गिटार जैसे कई वाद्ययंत्रों में महारत हासिल की।
संगीत करियर
रहमान ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के लिए संगीत बनाने से की। 1992 में, मणि रत्नम की फिल्म "रोजा" के साथ उन्होंने फिल्म संगीतकार के रूप में डेब्यू किया। इस फिल्म का संगीत बेहद लोकप्रिय हुआ और रहमान रातों-रात एक संगीत सितारे बन गए।
उनके करियर की कुछ महत्वपूर्ण फिल्में और प्रोजेक्ट्स हैं:
- तमिल सिनेमा: "रोजा," "बॉम्बे," "गुरु," "कंडुकोंडेन कंडुकोंडेन"।
- हिंदी सिनेमा: "दिल से," "ताल," "लगान," "रंग दे बसंती," "स्लमडॉग मिलियनेयर"।
- अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स: "स्लमडॉग मिलियनेयर," "127 आवर्स," "मिलियन डॉलर आर्म," "लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द स्टेज म्यूजिकल"।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति
2008 में, रहमान को फिल्म "स्लमडॉग मिलियनेयर" के लिए दो ऑस्कर पुरस्कार मिले। उन्होंने "जय हो" गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का पुरस्कार जीता। इसके साथ ही, उन्होंने गोल्डन ग्लोब और ग्रैमी पुरस्कार भी प्राप्त किए।
संगीत की शैली
ए. आर. रहमान की संगीत शैली में भारतीय शास्त्रीय संगीत, इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक, विश्व संगीत, और पारंपरिक धुनों का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। वे सिंथेसाइज़र और डिजिटल तकनीकों का कुशल उपयोग करते हैं, जो उनके संगीत को आधुनिक और प्रासंगिक बनाता है।
पुरस्कार और सम्मान
ए. आर. रहमान ने अपने करियर में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
- ऑस्कर पुरस्कार (2009)
- ग्रैमी अवॉर्ड (2010)
- गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड (2009)
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: 6 बार विजेता
- फिल्मफेयर पुरस्कार: 15 बार विजेता
- पद्म भूषण (2010)
- पद्म श्री (2000)
व्यक्तिगत जीवन
ए. आर. रहमान का असली नाम ए. एस. दिलीप कुमार था, लेकिन उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदल लिया। उनकी पत्नी का नाम सायरा बानो है और उनके तीन बच्चे हैं: खतीजा, रहीमा, और आमीन।
सामाजिक योगदान
ए. आर. रहमान समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने "ए. आर. रहमान फाउंडेशन" की स्थापना की, जो शिक्षा और गरीब बच्चों की मदद के लिए काम करता है।
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