एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) एक अत्याधुनिक तकनीकी प्रणाली है जिसका उपयोग सड़क यातायात को अधिक सुचारू, सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली विभिन्न डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, सेंसर, सॉफ़्टवेयर और संचार नेटवर्क के माध्यम से वास्तविक समय में यातायात की निगरानी, नियंत्रण और प्रबंधन करती है।
विशेषताएँ
1. रियल-टाइम डेटा संग्रह
ATMS में सेंसर, कैमरे और GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम होते हैं, जो वास्तविक समय में यातायात की स्थिति, वाहन प्रवाह, सड़क की स्थिति और संभावित बाधाओं की जानकारी प्रदान करते हैं।
2. स्मार्ट सिग्नलिंग सिस्टम
यह प्रणाली स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स के माध्यम से ट्रैफिक को नियंत्रित करती है। सेंसर-आधारित यह लाइट्स वाहनों की संख्या और ट्रैफिक के घनत्व के अनुसार स्वतः समायोजित हो जाती हैं, जिससे अनावश्यक प्रतीक्षा समय कम होता है।
3. इंटेलिजेंट ट्रैफिक मॉनिटरिंग
कैमरा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का उपयोग करके यह सिस्टम सड़क पर हो रही गतिविधियों की निगरानी करता है और दुर्घटनाओं, ओवरस्पीडिंग, या यातायात नियमों के उल्लंघन की पहचान करता है।
4. इमरजेंसी रिस्पांस मैकेनिज्म
ATMS दुर्घटना या किसी अन्य आपातकालीन स्थिति में पुलिस, एंबुलेंस और अग्निशमन सेवाओं को अलर्ट भेजकर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
5. वायु प्रदूषण और पर्यावरण निगरानी
इस प्रणाली में प्रदूषण सेंसर भी लगे होते हैं, जो CO2, PM2.5 और अन्य हानिकारक तत्वों की मात्रा को मापते हैं और ट्रैफिक नियंत्रण के उपाय सुझाते हैं।
लाभ
- यातायात की सुगमता: यह प्रणाली सड़कों पर जाम की स्थिति को कम करती है और वाहनों के संचालन को प्रभावी बनाती है।
- सड़क सुरक्षा में सुधार: दुर्घटनाओं की निगरानी और रोकथाम के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
- समय और ईंधन की बचत: ट्रैफिक जाम में कमी के कारण ईंधन की खपत कम होती है और यात्रियों का समय बचता है।
- पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषण स्तर की निगरानी और ट्रैफिक नियंत्रण के उपाय अपनाने से वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
- डिजिटल ट्रैफिक प्रवर्तन: ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को स्वचालित रूप से रिकॉर्ड किया जाता है, जिससे यातायात नियमों का पालन बेहतर होता है।
भारत में ATMS का उपयोग
भारत में विभिन्न एक्सप्रेसवे और शहरों में एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में यह प्रणाली विशेष रूप से कार्यान्वित की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर ATMS लगाने की योजना बनाई है ताकि सड़क सुरक्षा और यातायात नियंत्रण को उन्नत किया जा सके।
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