कैरीकॉम (कैरेबियन समुदाय) शिखर सम्मेलन कैरिबियाई देशों के नेताओं का एक प्रमुख सम्मेलन है, जिसमें क्षेत्रीय विकास, आर्थिक सहयोग, व्यापार, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। यह सम्मेलन कैरीकॉम के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक मंच पर क्षेत्र की सामूहिक आवाज को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
इतिहास और स्थापना
कैरीकॉम की स्थापना 4 जुलाई 1973 को त्रिनिदाद और टोबैगो में चगुआरामस समझौते के तहत हुई थी। इसका उद्देश्य कैरिबियाई देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना था। कैरीकॉम शिखर सम्मेलन की शुरुआत संगठन की स्थापना के बाद क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए की गई थी।
उद्देश्य
कैरीकॉम शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना, संसाधनों का संयुक्त उपयोग करना और क्षेत्र के विकास के लिए रणनीतियां तैयार करना है। इसके अन्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- आर्थिक विकास: व्यापार को बढ़ावा देकर आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना।
- सामाजिक सुधार: स्वास्थ्य, शिक्षा, और रोजगार के क्षेत्र में सुधार करना।
- जलवायु परिवर्तन: पर्यावरणीय खतरों और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों का समाधान।
- राजनीतिक सहयोग: सदस्य देशों के बीच शांति और स्थिरता बनाए रखना।
- वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व: क्षेत्र की आवाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी बनाना।
सदस्य देश
कैरीकॉम में 15 सदस्य देश और 5 सहयोगी सदस्य देश शामिल हैं। मुख्य सदस्य देशों में एंटीगुआ और बारबुडा, बारबाडोस, बेलीज, डोमिनिका, ग्रेनेडा, गुयाना, जमैका, सेंट लूसिया, और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देश शामिल हैं। सहयोगी सदस्य देश तुर्क्स और कैकोस द्वीप, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप जैसे क्षेत्र हैं।
शिखर सम्मेलन का प्रारूप
कैरीकॉम शिखर सम्मेलन आमतौर पर वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। इसमें सदस्य देशों के प्रमुख, मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि, और विशेषज्ञ शामिल होते हैं। सम्मेलन में विभिन्न कार्य सत्र, पैनल चर्चा, और द्विपक्षीय बैठकें होती हैं।
प्रमुख एजेंडा
- आर्थिक साझेदारी: कैरीकॉम एकल बाजार और अर्थव्यवस्था (CSME) को मजबूत बनाना।
- सुरक्षा: क्षेत्रीय सुरक्षा और संगठित अपराध से निपटने के उपाय।
- जलवायु कार्रवाई: जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों के लिए सहायता।
- स्वास्थ्य: क्षेत्रीय स्वास्थ्य रणनीतियों को लागू करना।
- संपर्क बढ़ाना: डिजिटल कनेक्टिविटी और परिवहन नेटवर्क को मजबूत बनाना।
भारत और कैरीकॉम संबंध
भारत कैरीकॉम के साथ अपने संबंधों को गहरा करने के लिए विभिन्न प्रयास कर रहा है। भारत ने स्वास्थ्य, शिक्षा, और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में कैरीकॉम देशों को सहायता प्रदान की है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैरीकॉम शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेकर इस संबंध को और मजबूत किया।