शेख हसीना वाजिद (जन्म 28 सितंबर 1947) बांग्लादेश की एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष हैं। वह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कई कार्यकालों में अपनी सेवा दे चुकी हैं। उनकी सरकार ने देश में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक सुधार लाने का प्रयास किया है। शेख हसीना बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं, जो बांग्लादेश के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति थे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को गোপलगंज जिले के टुंगिपारा में हुआ था। वह शेख मुजीबुर रहमान और शेख फजिलातुन्नेसा मुजीब की सबसे बड़ी बेटी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ढाका से प्राप्त की और बाद में 1973 में ढाका विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक करियर:
शेख हसीना ने 1981 में बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्षता संभाली। उन्होंने 1996 में पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनका यह कार्यकाल 2001 तक चला। इसके बाद 2009 में उन्होंने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और तब से लेकर 2023 तक इस पद पर बनी रहीं। उनकी सरकार ने बांग्लादेश में गरीबी उन्मूलन, महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा सुधार पर विशेष ध्यान दिया।
सुधार और उपलब्धियाँ:
शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। उनके कार्यकाल में देश ने आर्थिक वृद्धि, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने डिजिटल बांग्लादेश की अवधारणा को भी आगे बढ़ाया, जिससे देश में तकनीकी और संचार के क्षेत्र में क्रांति आई।
व्यक्तिगत जीवन:
शेख हसीना का विवाह डॉ. एम. ए. वाजिद मिया से हुआ था, जो एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। उनके दो बच्चे हैं, साजिब वाजिद जॉय और सैमा वाजिद। उनके बेटे साजिब वाजिद जॉय डिजिटल बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।
विवाद और आलोचना:
शेख हसीना के राजनीतिक जीवन में कई विवाद और आलोचनाएं भी शामिल रही हैं। उनके नेतृत्व में कई बार विपक्षी दलों के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। इसके बावजूद, वह अपने नेतृत्व कौशल और दूरदृष्टि के लिए जानी जाती हैं।