मौसम विज्ञान केंद्र (Meteorological Centre) एक महत्वपूर्ण संगठन है जो मौसम से संबंधित आंकड़ों का संग्रह, विश्लेषण और पूर्वानुमान करता है। यह केंद्र विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं जैसे वर्षा, तापमान, आर्द्रता, वायुदाब, हवाओं की गति एवं दिशा आदि की निगरानी करता है और मौसम पूर्वानुमान जारी करता है। भारत में, मौसम विज्ञान केंद्र भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अधीन कार्य करते हैं और देश के विभिन्न राज्यों में स्थित होते हैं।
इतिहास एवं स्थापना
भारत में मौसम विज्ञान सेवाओं की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। 1875 में भारतीय मौसम विभाग (IMD) की स्थापना के बाद, विभिन्न राज्यों और प्रमुख शहरों में मौसम विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई। ये केंद्र समय के साथ तकनीकी रूप से उन्नत हुए और आधुनिक उपकरणों एवं उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करने लगे।
मुख्य कार्य एवं दायित्व
- मौसम पूर्वानुमान जारी करना – केंद्र नियमित रूप से स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है।
- वर्षा एवं तापमान निगरानी – वर्षा, तापमान, आर्द्रता और अन्य जलवायु कारकों का डेटा एकत्रित और विश्लेषित किया जाता है।
- चक्रवात, बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी – मौसम विज्ञान केंद्र प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान और अलर्ट जारी करता है, जिससे नुकसान को कम किया जा सके।
- कृषि मौसम विज्ञान सेवाएँ – किसान मौसम सेवाओं के माध्यम से कृषि से जुड़े पूर्वानुमान जारी किए जाते हैं, जिससे किसानों को खेती की योजनाएँ बनाने में सहायता मिलती है।
- विमानन सेवाएँ – हवाई अड्डों पर विशेष मौसम सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जिससे वायुयानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- जलवायु परिवर्तन अध्ययन – दीर्घकालिक जलवायु परिवर्तनों का विश्लेषण कर वैज्ञानिक अध्ययन किए जाते हैं।
प्रमुख भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के तहत भारत में कई महत्वपूर्ण मौसम विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
- नई दिल्ली मौसम विज्ञान केंद्र
- मुंबई मौसम विज्ञान केंद्र
- चेन्नई मौसम विज्ञान केंद्र
- कोलकाता मौसम विज्ञान केंद्र
- शिमला मौसम विज्ञान केंद्र
- गुवाहाटी मौसम विज्ञान केंद्र
तकनीकी विकास एवं आधुनिकरण
वर्षों से मौसम विज्ञान केंद्रों में तकनीकी उन्नति हुई है। अब ये केंद्र आधुनिक डॉप्लर रडार, उपग्रह इमेजरी, कंप्यूटर मॉडलिंग, स्वचालित मौसम केंद्रों (AWS) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी तकनीकों का उपयोग करके अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करते हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र भारत की जलवायु और पर्यावरण की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये केंद्र न केवल आम जनता को मौसम संबंधी सूचनाएँ उपलब्ध कराते हैं, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन, विमानन और जलवायु अनुसंधान में भी सहायक सिद्ध होते हैं। तकनीकी प्रगति के साथ, भविष्य में मौसम पूर्वानुमान और अधिक सटीक और प्रभावी होने की संभावना है।