बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC), जिसे मुंबई नगर निगम के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर का प्रशासनिक निकाय है। यह देश का सबसे पुराना और सबसे समृद्ध नगर निगम है, जिसकी स्थापना 1888 में की गई थी। बीएमसी मुंबई की नगर सेवाओं और बुनियादी ढांचे का प्रबंधन करती है। इसे महाराष्ट्र सरकार द्वारा "मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888" के तहत स्थापित किया गया था।
इतिहास
बृहन्मुंबई महानगरपालिका का गठन ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था, जब मुंबई (तब बॉम्बे) तेजी से एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभर रहा था। इसने शहर की बढ़ती आबादी और व्यापारिक गतिविधियों के लिए नगर सेवाओं की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी निभाई। समय के साथ, बीएमसी ने अपने दायरे और क्षमताओं का विस्तार किया और आज यह शहर की जल आपूर्ति, स्वच्छता, सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएँ, और शिक्षा सहित कई सेवाओं का संचालन करती है।
संरचना और कार्यप्रणाली
बीएमसी का प्रशासनिक ढांचा एक चुनी हुई संस्था पर आधारित है, जिसमें 227 नगरसेवक (कॉर्पोरेटर्स) होते हैं, जो मुंबई के विभिन्न वार्डों से प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने जाते हैं। इसका नेतृत्व मुंबई के महापौर (मेयर) करते हैं, जो एक प्रतिनिधिक पद है। बीएमसी का वास्तविक प्रशासनिक संचालन नगर आयुक्त द्वारा किया जाता है, जो एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होते हैं। नगर आयुक्त बीएमसी के विभिन्न विभागों का नेतृत्व करते हैं और शहर के विकास और प्रबंधन से संबंधित सभी प्रमुख निर्णयों के लिए जिम्मेदार होते हैं।
प्रमुख कार्य
बीएमसी के प्रमुख कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- जल आपूर्ति और सीवेज प्रबंधन: बीएमसी मुंबई के नागरिकों को पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करती है और सीवेज निपटान की व्यवस्था करती है।
- स्वच्छता और कचरा प्रबंधन: नगर निगम शहर में साफ-सफाई के साथ कचरे के प्रबंधन की जिम्मेदारी उठाती है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: मुंबई में सार्वजनिक अस्पतालों, डिस्पेंसरियों, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन बीएमसी करता है।
- शिक्षा: बीएमसी द्वारा संचालित कई प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल शहर में गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं।
- सड़कें और परिवहन: बीएमसी शहर की सड़कों, पुलों और फ्लाईओवर के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाती है।
- विकास और योजना: मुंबई के विभिन्न विकास परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन बीएमसी के दायरे में आता है, जिसमें स्लम पुनर्वास, आवास योजनाएं और शहर के बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।
वित्तीय स्थिति
बीएमसी भारत का सबसे समृद्ध नगर निगम है। इसका वार्षिक बजट कई छोटे राज्यों के बजट से भी अधिक होता है। इसका मुख्य राजस्व स्रोत संपत्ति कर, जल शुल्क, और विकास शुल्क जैसे विभिन्न करों और शुल्कों से आता है। इसके अतिरिक्त, बीएमसी को राज्य और केंद्र सरकार से भी अनुदान प्राप्त होते हैं।
चुनौतियाँ
बीएमसी के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें मुंबई की विशाल आबादी, अतिक्रमण, ट्रैफिक जाम, और प्रदूषण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। मुंबई का मानसून के दौरान जलभराव और स्लम इलाकों की बुनियादी सुविधाओं की कमी भी नगर निगम के लिए बड़ी चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं। हाल के वर्षों में बीएमसी की कार्यप्रणाली को लेकर कई विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं।