बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)

बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission - BPSC), भारत के संविधान के तहत गठित एक संवैधानिक संस्था है, जो बिहार राज्य में सिविल सेवाओं और प्रशासनिक पदों पर नियुक्तियों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करती है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य प्रशासन को योग्य, ईमानदार और सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति के माध्यम से सुदृढ़ करना है।


बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)


इतिहास

बिहार लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अप्रैल 1949 को बिहार और उड़ीसा संयुक्त लोक सेवा आयोग के विभाजन के बाद की गई थी। इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत किया गया, जो संघीय और राज्य सेवा आयोगों के गठन का प्रावधान करता है। प्रारंभिक वर्षों में इसका मुख्यालय रांची में स्थित था, जिसे बाद में पटना स्थानांतरित किया गया।


कार्य और दायित्व

BPSC राज्य सरकार के अधीन विभिन्न प्रशासनिक और अन्य सेवाओं के लिए योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति में सहायक भूमिका निभाता है। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  • प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन: विभिन्न प्रशासनिक और अन्य पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित करना।
  • सीधी नियुक्तियां: राज्य सरकार के विभागों में अधिकारियों की नियुक्ति।
  • प्रमोशन परामर्श: सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति से संबंधित मामलों में राज्य सरकार को परामर्श देना।
  • अनुशासनात्मक कार्रवाई: सरकारी सेवाओं में अनुशासनात्मक मामलों पर विचार और सिफारिश करना।


प्रमुख परीक्षाएं

BPSC विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:

  • सिविल सेवा परीक्षा: राज्य प्रशासनिक सेवाओं के लिए।
  • शिक्षा सेवा परीक्षा: शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की नियुक्ति।
  • अदालत प्रबंधन परीक्षा: न्यायिक अधिकारियों के लिए।
  • सहायक अभियंता परीक्षा: विभिन्न तकनीकी विभागों में इंजीनियरों की नियुक्ति।


संरचना

बिहार लोक सेवा आयोग का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है, जिसे राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है। अध्यक्ष के अलावा, इसमें कुछ सदस्य होते हैं, जो विभिन्न विभागों के प्रशासनिक और तकनीकी अनुभव से आते हैं।


विवाद और चुनौतियां

हाल के वर्षों में, BPSC कई विवादों और चुनौतियों का सामना कर चुका है, जिनमें शामिल हैं:

  • पेपर लीक और धांधली: परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं।
  • लंबित परिणाम: समय पर परिणाम घोषित न होने से छात्रों में असंतोष।
  • प्रदर्शन और विरोध: चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण छात्रों द्वारा प्रदर्शन।


समकालीन घटनाएं

हाल ही में BPSC 2024 की परीक्षा को लेकर छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। पेपर लीक और भ्रष्टाचार के आरोपों ने आयोग की विश्वसनीयता को प्रभावित किया। छात्रों ने आयोग से परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की मांग की है।


मुख्यालय

BPSC का मुख्यालय पटना, बिहार में स्थित है। यह आधुनिक तकनीक और डिजिटल सुविधाओं के साथ कार्यरत है, ताकि परीक्षाओं की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा सके।