कैश मार्केट (Cash Market)

कैश मार्केट (जिसे स्पॉट मार्केट भी कहा जाता है) एक वित्तीय बाजार है जिसमें वित्तीय उपकरणों का तत्काल भुगतान और निपटान होता है। इसमें व्यापार किए जाने वाले उपकरणों जैसे शेयर, बांड, वस्त्र, और अन्य परिसंपत्तियों का लेन-देन नकद आधार पर किया जाता है, जिसका अर्थ है कि लेन-देन के साथ-साथ ही भुगतान और डिलीवरी होती है। कैश मार्केट का प्रमुख उद्देश्य वास्तविक समय में परिसंपत्तियों की खरीद-फरोख्त और वितरण को सुनिश्चित करना है।


कैश मार्केट (Cash Market)


विशेषताएँ

  • तत्काल निपटान: कैश मार्केट में लेन-देन का निपटान उसी दिन या कुछ ही दिनों के भीतर किया जाता है। इसमें टी+2 (ट्रेड प्लस 2 दिन) का नियम अधिकतर लागू होता है, जिसका अर्थ है कि व्यापार के दो दिनों बाद निपटान पूरा किया जाता है।
  • वास्तविक संपत्ति का लेन-देन: कैश मार्केट में वास्तविक संपत्तियों जैसे शेयरों, वस्त्रों, या अन्य परिसंपत्तियों का ही लेन-देन होता है। यह एक प्रकार का बाजार है जहाँ वित्तीय उपकरणों का तत्काल स्थानांतरण होता है।
  • कम जोखिम: कैश मार्केट में जोखिम कम होता है क्योंकि निपटान तत्काल होता है, जिससे कि परिसंपत्ति मूल्य में भारी उतार-चढ़ाव का प्रभाव न्यूनतम होता है।
  • स्पॉट प्राइस: कैश मार्केट में जिस कीमत पर किसी संपत्ति का तत्काल लेन-देन किया जाता है, उसे स्पॉट प्राइस कहा जाता है। यह कीमत बाजार में परिसंपत्ति की तत्काल मांग और आपूर्ति को दर्शाती है।


कैश मार्केट के प्रकार

कैश मार्केट विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:

  • शेयर बाजार: इसमें शेयरों का तत्काल लेन-देन होता है और निपटान एक निर्धारित अवधि के भीतर किया जाता है।
  • वस्त्र बाजार: इस बाजार में अनाज, धातु, ऊर्जा संसाधन आदि वस्त्रों का लेन-देन होता है।
  • बॉन्ड बाजार: इसमें सरकारी और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स का व्यापार किया जाता है।


कैश मार्केट बनाम डेरिवेटिव मार्केट

कैश मार्केट और डेरिवेटिव मार्केट में मुख्य अंतर यह है कि कैश मार्केट में वास्तविक परिसंपत्ति का लेन-देन होता है, जबकि डेरिवेटिव बाजार में भविष्य की तारीख के लिए एक अनुबंध किया जाता है। डेरिवेटिव्स में निपटान के समय वास्तविक संपत्ति की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि कीमत की सट्टेबाजी होती है।


भारत में कैश मार्केट का महत्व

भारत में कैश मार्केट का बहुत बड़ा महत्व है, खासकर निवेशकों और व्यापारियों के लिए जो अल्पकालिक मुनाफे की तलाश में रहते हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कैश मार्केट की प्रमुख इकाइयाँ हैं। इन दोनों में हर दिन बड़ी मात्रा में शेयर और अन्य वित्तीय उपकरणों का व्यापार होता है।


लाभ

  • तत्काल तरलता: कैश मार्केट में निवेशकों को तत्काल तरलता मिलती है, जिससे वे अपनी संपत्ति को जल्दी नकद में बदल सकते हैं।
  • पारदर्शिता: इसमें व्यापार खुला और पारदर्शी होता है, जिससे निवेशकों को किसी भी प्रकार की गलत जानकारी से बचने में मदद मिलती है।
  • निवेशकों की सुरक्षा: कैश मार्केट को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम होते हैं, जो कि निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए गए हैं।