डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IATA: NAG, ICAO: VANP) महाराष्ट्र के नागपुर शहर में स्थित एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इसका नाम भारत के संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखा गया है। यह हवाई अड्डा नागपुर और आसपास के क्षेत्र विदर्भ के लिए एक महत्वपूर्ण हवाई संपर्क का केंद्र है और तेजी से बढ़ते व्यापार, पर्यटन, और औद्योगिक क्षेत्रों की सेवा करता है।
इतिहास
नागपुर हवाई अड्डे की स्थापना 1917 में हुई थी और तब से यह विभिन्न सुधारों और विस्तार के चरणों से गुजरा है। वर्ष 2005 में इसका नाम बदलकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया। यह नाम भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रबल समर्थक डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद में दिया गया है। नागपुर का यह हवाई अड्डा विदर्भ क्षेत्र के व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
सुविधाएँ
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आधुनिक हवाई यात्रा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे का टर्मिनल भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें यात्रियों के लिए वाई-फाई, खाने-पीने की दुकानों, ड्यूटी-फ्री शॉप, वीआईपी लाउंज और आरामदायक प्रतीक्षालय की सुविधा भी है। हवाई अड्डे पर सुरक्षा के उच्च मानक अपनाए जाते हैं, और यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाता है।
विस्तार और विकास
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागपुर हवाई अड्डे के उन्नयन की आधारशिला रखी गई, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 7,000 करोड़ रुपये है। इस उन्नयन के बाद हवाई अड्डे की क्षमता में वृद्धि होगी, और यह हवाई अड्डा विनिर्माण, विमानन, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों के विकास में योगदान देगा। नागपुर और पूरे विदर्भ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को इससे बड़ा लाभ होगा।
यातायात
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर को देश और विदेश के कई प्रमुख शहरों से जोड़ता है। यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसी भारतीय शहरों के साथ-साथ शारजाह, दुबई और सिंगापुर जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्थलों के लिए भी उड़ानें उपलब्ध हैं।
भविष्य की योजनाएं
इस हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण के तहत नए रनवे, टर्मिनल भवन और अन्य हवाई सेवाओं के विकास की योजना है। इसके अलावा, नागपुर को भारत के हवाई यातायात का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से मल्टी-मोडल इंटरनेशनल कार्गो हब (MIHAN) परियोजना पर भी काम किया जा रहा है।
निष्कर्ष
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नागपुर न केवल इस क्षेत्र की हवाई यातायात की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि यह विदर्भ क्षेत्र के समग्र विकास और आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भविष्य में इसके विस्तार के साथ, यह हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता रखता है।