हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)

हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) एक प्रकार का बीमा है जो बीमाधारक की चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़ी खर्चों को कवर करता है। यह पॉलिसी किसी बीमारी, चोट, या चिकित्सा आपातकाल के दौरान अस्पताल में भर्ती होने और उपचार के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। हेल्थ इंश्योरेंस को व्यक्तिगत, पारिवारिक, और समूह स्तर पर लिया जा सकता है।


हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance)


इतिहास

हेल्थ इंश्योरेंस की अवधारणा 20वीं सदी के आरंभ में विकसित हुई। भारत में हेल्थ इंश्योरेंस को औपचारिक रूप से 1986 में शुरू किया गया, जब सरकारी और निजी कंपनियों ने बीमा योजनाएं पेश कीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी सरकारी योजनाओं ने भी इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया।


प्रकार

हेल्थ इंश्योरेंस को विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

  • व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा: यह केवल एक व्यक्ति को कवर करता है।
  • पारिवारिक फ्लोटर योजना: एक ही पॉलिसी के तहत परिवार के सभी सदस्यों को कवर करती है।
  • ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस: यह कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रदान की जाती है।
  • क्रिटिकल इलनेस बीमा: गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय रोग, आदि के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई है।
  • वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा: यह 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को कवर करती है।


महत्व

हेल्थ इंश्योरेंस निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • वित्तीय सुरक्षा: यह चिकित्सा खर्चों को कम करता है और अस्पताल के भारी बिलों से बचाता है।
  • चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच: बीमाधारकों को नकद रहित अस्पताल सेवाओं का लाभ मिलता है।
  • आयकर छूट: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत कर छूट मिलती है।


कवरेज

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आमतौर पर निम्नलिखित चीजें कवर करती है:

  • अस्पताल में भर्ती खर्च
  • डे-केयर प्रक्रियाएं
  • पूर्व और बाद के अस्पताल खर्च
  • एम्बुलेंस शुल्क
  • गंभीर बीमारियों का इलाज
  • वैकल्पिक चिकित्सा (आयुष)

हालांकि, कुछ पॉलिसियां निम्नलिखित को कवर नहीं करती हैं:


मौजूदा बीमारियां (विशिष्ट प्रतीक्षा अवधि तक)

  • कॉस्मेटिक सर्जरी
  • स्व-प्रेरित चोटें
  • चुनौतियां


हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं:

  • क्लेम सेटलमेंट में देरी: कई बीमाधारकों को समय पर क्लेम नहीं मिलता।
  • कम जागरूकता: ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य बीमा की जानकारी का अभाव है।
  • महंगी प्रीमियम: निजी बीमा योजनाओं की उच्च लागत इसे सभी के लिए सुलभ नहीं बनाती।


सरकारी योजनाएं

भारत सरकार ने स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की हैं:

आयुष्मान भारत: यह योजना गरीब और कमजोर वर्ग के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई): मजदूर वर्ग के लिए बीमा योजना।

ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम): संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा।


भविष्य की संभावनाएं

डिजिटल हेल्थ इंश्योरेंस, टेलीमेडिसिन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नवाचारों के साथ, हेल्थ इंश्योरेंस का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार और निजी कंपनियों के बीच सहयोग इसे और अधिक सुलभ और प्रभावी बना सकता है।