जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi)

जीतन राम मांझी भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता हैं, जो बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनका जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया जिले के महकार गांव में हुआ था। मांझी दलित समाज से आते हैं और सामाजिक न्याय एवं पिछड़े वर्गों के अधिकारों के प्रति उनकी विशेष प्रतिबद्धता रही है।

जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi)


मांझी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बिहार में कांग्रेस पार्टी से की थी। इसके बाद उन्होंने कई राजनीतिक दलों के साथ काम किया, जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), और अंततः अपने राजनीतिक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) की स्थापना की। वह बिहार के मुख्यमंत्री पद पर 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक रहे।


राजनीतिक करियर

जीतन राम मांझी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 में कांग्रेस पार्टी से की थी। उन्होंने 1980 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, उन्होंने बिहार के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा और कई बार विधायक बने।


1990 के दशक में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थामा और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में बिहार सरकार में मंत्री पद पर कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल होकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम किया। जब 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों में जेडीयू की हार के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तो मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया।


मुख्यमंत्री के रूप में मांझी का कार्यकाल संघर्षपूर्ण रहा। उन्होंने समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के लिए काम किया, लेकिन जेडीयू के भीतर उनके नेतृत्व को लेकर विवाद होने लगे। अंततः उन्हें 2015 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, और नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री पद संभाला।


2015 में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद, मांझी ने जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होकर अपने राजनीतिक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की स्थापना की। उनका दल मुख्य रूप से दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता है।


मुख्यमंत्री कार्यकाल

मुख्यमंत्री के रूप में मांझी ने समाज के सबसे पिछड़े वर्गों, खासकर दलितों और अति पिछड़ों के उत्थान के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए। हालांकि, उनका कार्यकाल विवादों से भी घिरा रहा, और पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष ने उनके नेतृत्व को कमजोर कर दिया।


व्यक्तिगत जीवन

जीतन राम मांझी का विवाह शांति देवी से हुआ, और उनके सात बच्चे हैं। मांझी ने जीवन भर दलित समुदाय के उत्थान के लिए काम किया और उन्हें समाज के सबसे कमजोर तबके की आवाज के रूप में देखा जाता है।


विरासत और प्रभाव

जीतन राम मांझी का राजनीतिक जीवन संघर्ष और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई का प्रतीक रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो, लेकिन उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए जो आवाज उठाई, उसने उन्हें एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्थापित किया। मांझी की राजनीति ने बिहार में सामाजिक न्याय के मुद्दों को हमेशा केंद्र में रखा है, और वह बिहार की राजनीति में एक मजबूत दलित नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।