तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) Liquefied natural gas (LNG)

तरलीकृत प्राकृतिक गैस (Liquefied Natural Gas - LNG) वैश्विक ऊर्जा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्राकृतिक गैस को ठंडा कर तरल रूप में परिवर्तित करके बनाई जाती है, जिससे इसे भंडारण और परिवहन करना आसान हो जाता है। विभिन्न देशों में LNG के आयात-निर्यात को नियंत्रित करने के लिए टैरिफ (शुल्क) लगाए जाते हैं। ये टैरिफ किसी देश की ऊर्जा नीति, व्यापारिक रणनीति और कूटनीतिक संबंधों पर प्रभाव डालते हैं।


तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) Liquefied natural gas (LNG)


LNG पर टैरिफ का उद्देश्य

तरलीकृत प्राकृतिक गैस पर टैरिफ लगाने के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

घरेलू उत्पादकों की सुरक्षा : कुछ देश घरेलू प्राकृतिक गैस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए LNG के आयात पर टैरिफ लगाते हैं।

राजस्व अर्जन : सरकारें LNG के आयात और निर्यात पर कर लगाकर राजस्व एकत्र करती हैं।

व्यापारिक प्रतिस्पर्धा : टैरिफ का उपयोग व्यापार युद्धों में एक रणनीतिक हथियार के रूप में किया जाता है।

ऊर्जा सुरक्षा : कुछ देश राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखने के लिए LNG आयात पर निर्भरता कम करने के लिए टैरिफ लागू करते हैं।


विभिन्न देशों में LNG पर टैरिफ नीति

संयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका LNG का एक प्रमुख निर्यातक है और आमतौर पर LNG निर्यात पर कोई टैरिफ नहीं लगाता। हालांकि, चीन के साथ व्यापार युद्ध (2018-2020) के दौरान, चीन ने अमेरिकी LNG पर 10-25% तक का टैरिफ लगाया, जिससे अमेरिकी LNG उत्पादकों को नुकसान हुआ।


यूरोपीय संघ

यूरोप प्राकृतिक गैस के लिए रूस और अन्य देशों पर निर्भर है। यूरोपीय संघ आमतौर पर LNG आयात पर कम या शून्य टैरिफ रखता है ताकि ऊर्जा आपूर्ति सुगम बनी रहे।


चीन

चीन दुनिया में LNG का सबसे बड़ा आयातक है। 2018 में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के दौरान, चीन ने अमेरिकी LNG पर 10% टैरिफ लगाया, जिसे बाद में 25% तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, 2020 के व्यापार समझौते के तहत, कुछ टैरिफ हटा दिए गए।


भारत

भारत LNG का एक बड़ा उपभोक्ता है और इसे घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए LNG के आयात पर टैरिफ में छूट देती है। भारत में आमतौर पर LNG आयात पर 2.5% का टैरिफ लागू होता है, लेकिन कुछ समझौतों के तहत इसे शून्य किया गया है।


जापान और दक्षिण कोरिया

ये दोनों देश LNG के प्रमुख आयातक हैं और इसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कम टैरिफ रखते हैं।


LNG टैरिफ का प्रभाव

वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

व्यापार युद्ध : जब देश एक-दूसरे पर टैरिफ लगाते हैं, तो वैश्विक LNG व्यापार में अस्थिरता बढ़ती है।

नए बाजारों की खोज : टैरिफ बढ़ने से निर्यातक देश नए बाजारों की तलाश करते हैं, जिससे व्यापार मार्गों में बदलाव आता है।

ऊर्जा सुरक्षा : टैरिफ बढ़ने से LNG महंगी हो सकती है, जिससे ऊर्जा की उपलब्धता प्रभावित होती है।


उपभोक्ताओं पर प्रभाव

टैरिफ बढ़ने से LNG की कीमतें बढ़ती हैं, जिससे बिजली उत्पादन और उद्योगों की लागत बढ़ जाती है।

आयात शुल्क कम होने से उपभोक्ताओं को सस्ती ऊर्जा मिलती है।


निष्कर्ष

LNG पर टैरिफ का उपयोग विभिन्न देश अपनी आर्थिक, व्यापारिक और ऊर्जा सुरक्षा नीति के अनुसार करते हैं। बढ़ते व्यापार युद्धों और ऊर्जा संकट के चलते, LNG पर टैरिफ नीतियां वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।