महाविकास अघाड़ी (MVA) महाराष्ट्र में एक राजनीतिक गठबंधन है, जिसे 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), और शिवसेना (Uddhav Thackeray) ने मिलकर बनाया। यह गठबंधन भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को सत्ता से बाहर करने और महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए किया गया था। महाविकास अघाड़ी ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र में सरकार बनाई, जिसमें उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने।
गठन और पृष्ठभूमि: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के परिणामों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गए। शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के लिए आधे कार्यकाल की मांग की थी, जिसे भाजपा ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद शिवसेना ने अपने पुराने सहयोगी, कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी का गठन किया।
सदस्य दल:
शिवसेना (Uddhav Thackeray): हिंदुत्व विचारधारा वाली यह पार्टी बाल ठाकरे द्वारा स्थापित की गई थी। उद्धव ठाकरे इसके प्रमुख नेता हैं, जो महाविकास अघाड़ी सरकार के पहले मुख्यमंत्री बने।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC): भारतीय राजनीति की एक प्रमुख पार्टी, जिसका नेतृत्व उस समय सोनिया गांधी कर रही थीं। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी को समर्थन देकर गठबंधन सरकार का हिस्सा बनी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP): शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी, जो महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनसीपी भी इस गठबंधन का प्रमुख घटक दल है, और अजित पवार ने इस सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
नीतियाँ और एजेंडा: महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य के सामाजिक, आर्थिक, और विकासात्मक मुद्दों को ध्यान में रखते हुए काम किया। इस सरकार की प्रमुख नीतियाँ कृषि सुधार, किसानों की कर्ज माफी, शिक्षा, स्वास्थ्य और राज्य में औद्योगिक विकास पर आधारित रहीं। इसके अलावा, गठबंधन सरकार ने धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
मुख्य घटनाएँ:
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नियुक्ति: 28 नवंबर 2019 को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह पहली बार था जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य मुख्यमंत्री बना।
किसान कर्ज माफी योजना: महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य में किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए एक प्रमुख योजना की शुरुआत की, जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ।
कोविड-19 महामारी: महाविकास अघाड़ी सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान विभिन्न जनहित योजनाओं का संचालन किया, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और लॉकडाउन के दौरान गरीबों को राहत प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
राजनीतिक चुनौतियाँ: महाविकास अघाड़ी सरकार को शुरुआत से ही कई राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ कई बार अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। इसके अलावा, गठबंधन के भीतर भी कई बार वैचारिक मतभेद देखने को मिले, खासकर शिवसेना और कांग्रेस के बीच, क्योंकि शिवसेना की हिंदुत्व विचारधारा और कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता के बीच अंतर स्पष्ट था।
गिरावट और राजनीतिक संकट: 2022 में महाविकास अघाड़ी को एक बड़ा राजनीतिक संकट तब आया, जब शिवसेना के एक बड़े धड़े ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत कर दी। इस विद्रोह के कारण महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन बदल गया और महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई। इसके बाद भाजपा और शिवसेना (शिंदे धड़ा) ने मिलकर सरकार बनाई, जिसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने।
विरासत: महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र की राजनीति में एक अनूठा गठबंधन रहा है, जिसने भाजपा के खिलाफ तीन प्रमुख विपक्षी दलों को एकजुट किया। इसने भारतीय राजनीति में गठबंधन सरकारों की जटिलता और विचारधाराओं के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को उजागर किया। हालांकि महाविकास अघाड़ी सरकार लंबे समय तक सत्ता में नहीं रही, लेकिन इसने राज्य में कई महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों की शुरुआत की, विशेष रूप से किसानों और गरीबों के लिए।
निष्कर्ष: महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने राज्य में सत्ता समीकरणों को बदल दिया। यह गठबंधन राज्य में राजनीति और विकास के नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है। हालांकि, आंतरिक असहमति और राजनीतिक चुनौतियों ने इसकी स्थिरता को प्रभावित किया।