मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) एक शुल्क है जो व्यापारी (मर्चेंट) को इलेक्ट्रॉनिक भुगतान स्वीकार करने के बदले भुगतान सेवा प्रदाताओं (जैसे बैंक, पेमेंट गेटवे, और डिजिटल वॉलेट) को देना होता है। यह शुल्क आमतौर पर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई (UPI), और अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों के उपयोग पर लागू होता है।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट वह प्रतिशत शुल्क है जो किसी व्यापारी को ग्राहक से डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के बदले भुगतान सेवा प्रदाता द्वारा काट लिया जाता है। यह शुल्क विभिन्न घटकों से मिलकर बनता है, जिनमें इंटरचेंज फीस, नेटवर्क प्रोसेसिंग फीस, और अधिग्रहण बैंक (Acquiring Bank) शुल्क शामिल होते हैं।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट के घटक
MDR आमतौर पर निम्नलिखित शुल्कों का समावेश करता है:
- इंटरचेंज शुल्क (Interchange Fee) – यह शुल्क जारीकर्ता बैंक (Issuer Bank) को भुगतान किया जाता है, जो ग्राहक का खाता रखता है।
- नेटवर्क शुल्क (Network Fee) – यह शुल्क वीज़ा (Visa), मास्टरकार्ड (Mastercard), रूपे (RuPay) जैसे भुगतान नेटवर्क को जाता है।
- अधिग्रहण शुल्क (Acquirer Fee) – यह शुल्क व्यापारी का बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता लेता है।
मर्चेंट डिस्काउंट रेट की दरें
MDR दरें लेनदेन के प्रकार, भुगतान विधि, और व्यापारी की श्रेणी के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) समय-समय पर MDR से संबंधित नियम और दिशानिर्देश जारी करता है। उदाहरण के लिए:
- डेबिट कार्ड लेनदेन के लिए MDR आमतौर पर कम होता है।
- क्रेडिट कार्ड पर MDR दरें अधिक हो सकती हैं, क्योंकि इनमें क्रेडिट जोखिम भी शामिल होता है।
- यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड लेनदेन पर सरकार द्वारा विशेष रियायतें दी जाती हैं।
भारत में MDR से संबंधित नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने छोटे व्यापारियों और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई बार MDR शुल्क में बदलाव किए हैं।
- 1 जनवरी 2018 से, ₹2000 तक के डेबिट कार्ड और यूपीआई ट्रांजैक्शन पर MDR शुल्क माफ कर दिया गया।
- सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कुछ श्रेणियों में MDR शुल्क का भार स्वयं उठाने की नीति अपनाती है।
MDR का व्यापार और उपभोक्ताओं पर प्रभाव
व्यापारियों पर प्रभाव
- उच्च MDR शुल्क छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को महंगा बना सकता है।
- MDR शुल्क को ग्राहक से वसूलने की अनुमति नहीं होती, जिससे यह व्यापारी पर अतिरिक्त व्यय बन सकता है।
- कई व्यापारी डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए MDR शुल्क को सहन करते हैं, जिससे उनकी बिक्री बढ़ सकती है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
- यदि व्यापारी MDR शुल्क का बोझ वहन नहीं करते, तो वे ग्राहकों से नकद भुगतान मांग सकते हैं, जिससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलने में बाधा आ सकती है।
- सरकार द्वारा MDR शुल्क में दी गई छूट से डिजिटल भुगतान सस्ता और सुगम बना है।