न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) New Development Bank (NDB)

न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB), जिसे पहले ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के नाम से जाना जाता था, एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा 2014 में की गई थी। इस बैंक का उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों के बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए समर्थन प्रदान करना है। बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य इन देशों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करना और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधारों की दिशा में कदम उठाना था।

न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) New Development Bank (NDB)


स्थापना और इतिहास:

न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना की घोषणा 15 जुलाई 2014 को ब्राजील के फोर्टालेजा में आयोजित छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। 2015 में शंघाई, चीन में इसका मुख्यालय स्थापित किया गया। बैंक की स्थापना वैश्विक वित्तीय संस्थानों, जैसे विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), के विकल्प के रूप में की गई थी, जो विकासशील देशों के लिए अधिक अनुकूल और उनके लिए विशेष रूप से काम करने वाले संस्थान के रूप में कार्य कर सके।


उद्देश्य और कार्य:

NDB का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों के बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका फोकस ऊर्जा, परिवहन, जल, शहरी विकास और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश पर होता है। बैंक का उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना, और गरीबी में कमी लाना है। इसके अतिरिक्त, यह बैंक वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक विकास के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग और समन्वय को भी बढ़ावा देता है।


सदस्यता:

शुरुआती तौर पर NDB के सदस्य ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका थे, जो ब्रिक्स देशों का हिस्सा हैं। 2021 में, बैंक ने अपनी सदस्यता का विस्तार करना शुरू किया और बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), और उरुग्वे जैसे देशों को भी अपने सदस्य के रूप में शामिल किया। NDB की योजना अन्य विकासशील देशों को भी सदस्यता प्रदान करने की है, ताकि इन देशों के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को समर्थन मिल सके।


शासन और संगठनात्मक संरचना:

NDB की प्रशासनिक संरचना में एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, और एक अध्यक्ष शामिल होते हैं। बैंक के निर्णय लेने की प्रक्रिया में प्रत्येक सदस्य देश की बराबर भागीदारी होती है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी सदस्य देशों के हितों का ध्यान रखा जाए। बैंक के पहले अध्यक्ष के.वी. कामथ थे, जो एक भारतीय बैंकर थे और उन्होंने 2015 से 2020 तक इस पद पर कार्य किया।


प्रमुख परियोजनाएं और योगदान:

NDB ने अपनी स्थापना के बाद से विभिन्न बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है। भारत में, इस बैंक ने सौर ऊर्जा, परिवहन, और शहरी विकास से संबंधित परियोजनाओं में निवेश किया है। इसी प्रकार, चीन में भी NDB ने पर्यावरणीय सुधार और जल प्रबंधन परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है। बैंक का ध्यान विशेष रूप से सतत विकास परियोजनाओं पर होता है, जो पर्यावरण के अनुकूल और दीर्घकालिक लाभ प्रदान करती हैं।


सहयोग और साझेदारी:

NDB ने अन्य बहुपक्षीय विकास बैंकों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग स्थापित किया है, ताकि वैश्विक विकास के उद्देश्यों को तेजी से पूरा किया जा सके। यह बैंक विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे संस्थानों के साथ भी संयुक्त परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इसके अलावा, NDB सदस्य देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाता है।


भविष्य की योजनाएं:

NDB की योजना भविष्य में अपने वित्तीय साधनों और परियोजनाओं का विस्तार करने की है। बैंक ने सदस्यता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं, ताकि अधिक से अधिक विकासशील देशों को इसके वित्तीय संसाधनों का लाभ मिल सके। साथ ही, बैंक का उद्देश्य डिजिटल वित्तीय सेवाओं और हरित ऊर्जा परियोजनाओं में भी निवेश बढ़ाने का है।


निष्कर्ष:

न्यू डेवलपमेंट बैंक एक महत्वपूर्ण वैश्विक वित्तीय संस्थान के रूप में उभर रहा है, जो विकासशील देशों को उनकी बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसके द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता और विकास परियोजनाओं का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है, जो इन देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दे रहा है। NDB की भूमिका आने वाले वर्षों में और भी महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब दुनिया सतत विकास और हरित ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ रही है।