प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा सितंबर 2023 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है। इस योजना का लक्ष्य कारीगर समुदाय को सशक्त बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
उद्देश्य
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का प्रमुख उद्देश्य देश के पारंपरिक शिल्प और कारीगरों को पुनर्जीवित करना और उन्हें समकालीन बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करना है। योजना के तहत शिल्पकारों को उनके कौशल के आधार पर प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी जाती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। इस योजना के माध्यम से शिल्पकारों की पहचान, उनकी कौशल वृद्धि, और उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने का कार्य किया जाता है।
योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत शिल्पकारों और कारीगरों को निम्नलिखित लाभ दिए जाते हैं:
कौशल विकास:
कारीगरों को उनके पारंपरिक कौशल में निपुणता बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा उन्हें नई तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग सिखाया जाता है।
आर्थिक सहायता:
योजना के अंतर्गत कारीगरों को 5% की न्यूनतम ब्याज दर पर ₹3 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है। यह लोन दो चरणों में दिया जाता है – पहले चरण में ₹1 लाख तक का लोन और दूसरे चरण में ₹2 लाख तक का लोन प्रदान किया जाता है।
अनुदान और सहायता:
योजना के तहत कारीगरों को उनके प्रशिक्षण के दौरान ₹500 का दैनिक अनुदान दिया जाता है। साथ ही उन्हें ₹15,000 की आर्थिक सहायता भी दी जाती है ताकि वे अपने व्यवसाय में नवीनता ला सकें।
प्रमाण-पत्र एवं उपकरण:
प्रशिक्षण पूरा होने पर कारीगरों को "विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र" और आधुनिक उपकरण भी दिए जाते हैं, जिससे वे अधिक कुशलता से अपने कार्यों को कर सकें।
पात्रता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ निर्धारित की गई हैं:
- लाभार्थी को भारत का नागरिक होना चाहिए।
- वे शिल्पकार या कारीगर होने चाहिए, जो पारंपरिक हस्तशिल्प, कारीगरी या लघु उद्योगों में कार्यरत हों।
- योजना के तहत बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, दर्जी, धोबी, और मूर्तिकार जैसे 18 प्रमुख ट्रेड शामिल हैं।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन करने के लिए इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर (1800-2677777) और एक आधिकारिक ईमेल (pm-vishwakarma@dcmsme.gov.in) भी जारी किया है, जहां से योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
वित्तीय प्रबंधन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक लगभग ₹13,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर उनके व्यवसाय को स्थिरता प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
व्यापार की सूची
योजना के तहत पारंपरिक व्यवसाय जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मूर्तिकार, कुम्हार, और नाव बनाने वाले जैसे व्यवसायों को प्राथमिकता दी गई है। यह योजना विशेष रूप से उन समुदायों के लिए बनाई गई है, जिनकी आजीविका हस्तशिल्प और पारंपरिक कारीगरी पर आधारित है।