रतन टाटा (Ratan Tata)

जन्म: 28 दिसंबर 1937

जन्मस्थान: मुंबई, महाराष्ट्र, भारत

राष्ट्रीयता: भारतीय

उद्योग: टाटा समूह (Tata Group)

पद: टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस

शिक्षा: कॉर्नेल विश्वविद्यालय (आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग), हार्वर्ड बिजनेस स्कूल


रतन टाटा (Ratan Tata)


रतन नवल टाटा एक भारतीय उद्योगपति, परोपकारी और टाटा समूह के प्रमुख रह चुके हैं। वह टाटा परिवार के सदस्य और जमशेदजी टाटा के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने भारतीय उद्योग के क्षेत्र में टाटा समूह को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन का पदभार संभाला और फिर 2016 में कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन भी बने। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई और कई प्रतिष्ठित विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जिसमें ब्रिटेन की टेटली टी, अमेरिकी कंपनी कोरस, जैगुआर लैंड रोवर और अन्य प्रमुख ब्रांड शामिल हैं।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता नवल टाटा और माता सोनू टाटा थीं। बचपन में माता-पिता के अलग होने के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।


करियर

रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह में अपना करियर शुरू किया और विभिन्न स्तरों पर काम करते हुए अपनी योग्यता को साबित किया। 1991 में जे.आर.डी. टाटा के बाद रतन टाटा को टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया। उन्होंने टाटा समूह के विस्तार और वैश्विक पहचान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिनमें टेटली, जैगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण प्रमुख हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने भारत की पहली सस्ती कार टाटा नैनो को भी लॉन्च किया, जो मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए उपलब्धता का प्रतीक बनी।


प्रमुख उपलब्धियाँ

रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने कई प्रमुख उपलब्धियाँ हासिल कीं। टाटा समूह का राजस्व और लाभांश उनके कार्यकाल में कई गुना बढ़ा, और उन्होंने टाटा ब्रांड को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। रतन टाटा को अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई परियोजनाओं का समर्थन किया। टाटा ट्रस्ट्स, जिसमें उनका योगदान काफी अहम है, भारतीय समाज के उत्थान में सहायक रहा है।


सम्मान और पुरस्कार

रतन टाटा को उनके उत्कृष्ट योगदान और नेतृत्व के लिए अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार ने उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सराहा गया है।


व्यक्तिगत जीवन

रतन टाटा अविवाहित हैं और साधारण जीवन जीने के लिए जाने जाते हैं। वे अपनी विनम्रता, सादगी और समाज सेवा के प्रति अपने समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता हासिल की है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।


विरासत

रतन टाटा की विरासत केवल टाटा समूह तक ही सीमित नहीं है; उन्होंने समाज में परोपकार और नैतिकता की मिसाल पेश की है। उनके प्रयासों से टाटा समूह न केवल एक व्यावसायिक दिग्गज बना, बल्कि समाज सेवा और नैतिक व्यापार का भी प्रतीक बन गया है।