लाल किला (Red Fort)

सारांश : लाल किला, जिसे हिंदी में "लाल किला" और उर्दू में "لال قلعہ" कहा जाता है, एक ऐतिहासिक किला है जो दिल्ली, भारत में स्थित है। यह किला मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 1638-1648 के बीच बनवाया गया था और इसे मुग़ल साम्राज्य की राजधानी शाहजहानाबाद के रूप में स्थापित किया गया था। यह किला भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक है और 2007 से यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।

लाल किला (Red Fort)

इतिहास

लाल किला का निर्माण 1638 में शुरू हुआ और इसे 1648 में पूरा किया गया। यह किला शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया था जब उन्होंने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया। इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिससे इसका नाम "लाल किला" पड़ा। किले के निर्माण में मुग़ल वास्तुकला की विशेषताएँ देखने को मिलती हैं, जैसे कि शानदार जटिल कलाकृतियाँ और विशाल प्रांगण।


निर्माण और वास्तुकला

लाल किला लगभग 2.41 किलोमीटर (1.5 मील) लंबा है और इसकी दीवारें 33 मीटर (108 फीट) ऊँची हैं। किले में मुख्यतः दो महत्वपूर्ण द्वार हैं: दिल्ली गेट और लाहौर गेट। किले के अंदर कई प्रमुख संरचनाएँ हैं, जैसे कि दीवान-ए-आम (सार्वजनिक दरबार), दीवान-ए-ख़ास (निजी दरबार), रंग महल (रंगीन महल), और मोती मस्जिद। इन संरचनाओं में शानदार मुग़ल वास्तुकला और सजावटी तत्वों का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है।


महत्व और सांस्कृतिक महत्व

लाल किला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में भी महत्वपूर्ण है। 15 अगस्त 1947 को पंडित नेहरू ने यहीं से स्वतंत्रता की घोषणा की थी। किले के प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस पर हर साल भारतीय प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं, और यह भारतीय गणतंत्र का महत्वपूर्ण स्थल है।


पर्यटन

लाल किला हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह भारतीय इतिहास, वास्तुकला, और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। किले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विभिन्न ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है।


सुरक्षा और संरक्षण

लाल किला भारतीय सरकार द्वारा संरक्षित है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा देखरेख की जाती है। इसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं ताकि यह ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके और आने वाली पीढ़ियाँ इसका लाभ उठा सकें।


निष्कर्ष

लाल किला भारतीय इतिहास, संस्कृति, और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसका भव्य निर्माण, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक योगदान इसे भारतीय धरोहर का अनमोल हिस्सा बनाते हैं।