राज्यसभा (State Assembly) भारत की संसद का उच्च सदन है। यह द्विसदनीय संसद का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लोकसभा निचला सदन है। राज्यसभा का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत किया गया है और इसे एक स्थायी निकाय माना जाता है, क्योंकि यह कभी भी पूरी तरह से विघटित नहीं होती।
इतिहास
राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को हुआ था। इसका उद्देश्य भारतीय संघ की स्थिरता बनाए रखना और विभिन्न राज्यों की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाना था। राज्यसभा में विभिन्न राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होता है।
संरचना
राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 238 सदस्य विभिन्न राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के द्वारा निर्वाचित होते हैं और 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। ये 12 सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों में से चुने जाते हैं।
सदस्यता और चुनाव
राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है। इन्हें राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुना जाता है। प्रत्येक राज्य और संघ राज्यक्षेत्र को उनकी जनसंख्या के आधार पर राज्यसभा में प्रतिनिधित्व मिलता है। राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है और हर दो वर्षों में एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं।
अधिकारी
राज्यसभा के सभापति भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं। वर्तमान में (2024 तक) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्यसभा के सभापति हैं। राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव राज्यसभा के सदस्यों के द्वारा किया जाता है।
कार्य और शक्तियाँ
राज्यसभा का मुख्य कार्य विधायिका के रूप में कानून बनाना है। यह वित्तीय विधेयकों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के विधेयकों पर विचार कर सकती है। राज्यसभा का अधिकार है कि वह किसी विधेयक को पास करे, संशोधन करे या अस्वीकार करे।
राज्यसभा में विशिष्ट अधिकार भी होते हैं, जैसे कि संघीय विधान बनाने के लिए राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति। यह संसद को यह सिफारिश कर सकती है कि राष्ट्रीय हित में एक नया अखिल भारतीय सेवा का सृजन किया जाए।
समितियाँ
राज्यसभा में विभिन्न स्थायी और अस्थायी समितियाँ होती हैं, जो विधेयकों और प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा करती हैं। इन समितियों में सार्वजनिक लेखा समिति, आचार समिति, और विभिन्न विषय समितियाँ शामिल हैं।
महत्व
राज्यसभा संघीय संरचना की स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह राज्य विधानसभाओं की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाती है और कानून निर्माण में संतुलन बनाए रखती है।
राज्यसभा भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो विभिन्न राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों की प्रतिनिधित्व करती है और कानून निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।