उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) उत्तर प्रदेश राज्य सरकार का एक प्रमुख भर्ती आयोग है, जिसका मुख्य कार्य राज्य सरकार की विभिन्न सेवाओं में योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है। यह आयोग विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन करके प्रदेश के प्रशासनिक पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है। आयोग का मुख्यालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1937 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अधिनियम के तहत की गई थी।


उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC)


इतिहास

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की स्थापना 1 अप्रैल, 1937 को की गई थी। इसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरह ही कार्य करने के लिए स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य राज्य प्रशासनिक सेवाओं में योग्य उम्मीदवारों का चयन करना है, जिससे राज्य की विभिन्न सेवाओं में कुशल और प्रभावी कार्यबल तैयार किया जा सके। स्थापना के समय इसे ब्रिटिश शासनकाल के तहत स्थापित किया गया था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत स्वायत्त निकाय के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।


प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियाँ

UPPSC का मुख्य कार्य राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना है। इसके तहत निम्नलिखित प्रमुख कार्य शामिल हैं:


प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार परीक्षाओं का आयोजन

UPPSC विभिन्न पदों के लिए प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार परीक्षाओं का आयोजन करता है, जिसमें प्रमुख परीक्षाएँ हैं – पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा), एसीएफ/आरएफओ (सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी) और अन्य परीक्षाएँ।


विभिन्न सेवाओं के लिए भर्तियाँ

UPPSC समूह 'क' और 'ख' की सेवाओं में नियुक्तियाँ करता है, जिनमें प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, शिक्षा अधिकारी, और अन्य प्रमुख पद शामिल हैं।


पदों का संवर्गीकरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही

आयोग भर्ती की प्रक्रिया में अनुशासन बनाए रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश देता है और अनुशासनात्मक कार्यवाहियाँ करता है।


विशेष सलाह

UPPSC उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य की सेवाओं से संबंधित सलाह और सुझाव भी प्रदान करता है।


परीक्षाएँ

UPPSC द्वारा विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है जो निम्नलिखित हैं:

  • प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा (PCS) - यह UPPSC की प्रमुख परीक्षा है जो प्रशासनिक और उच्च स्तर के पदों के लिए होती है।
  • सहायक वन संरक्षक (ACF)/क्षेत्रीय वन अधिकारी (RFO) परीक्षा - वन और पर्यावरण के क्षेत्र में उच्च पदों के लिए यह परीक्षा आयोजित की जाती है।
  • संयुक्त राज्य/उच्च अधीनस्थ सेवा परीक्षा - इसमें राज्य के अन्य विभागों में विभिन्न पदों के लिए भर्ती की जाती है।
  • विभिन्न विभागीय परीक्षाएँ - राज्य के शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, और अन्य विभागों के लिए भी आयोग द्वारा विभिन्न परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं।


चयन प्रक्रिया

UPPSC द्वारा चयन प्रक्रिया को तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:

  • प्रारंभिक परीक्षा – यह स्क्रीनिंग परीक्षा होती है, जिसमें सामान्य अध्ययन के प्रश्न होते हैं। इसमें सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है।
  • मुख्य परीक्षा – मुख्य परीक्षा विषय-विशेष की होती है और इसमें निबंध, भाषा, और वैकल्पिक विषय शामिल होते हैं। यह चरण विस्तृत रूप से उम्मीदवार की योग्यता का परीक्षण करता है।
  • साक्षात्कार (इंटरव्यू) – मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें उनकी व्यक्तिगतता, योग्यता और राज्य प्रशासन में सेवा के प्रति रुचि का मूल्यांकन किया जाता है।


विवाद और आलोचनाएँ

UPPSC समय-समय पर विभिन्न विवादों और आलोचनाओं का केंद्र रहा है। इनमें प्रमुख विवाद परीक्षा में अनियमितता, परिणामों की देरी, प्रश्न पत्र लीक, और सीटों के आरक्षण को लेकर होते रहे हैं। इसके अलावा, आयोग पर निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी समय-समय पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान हेतु आयोग ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिनमें परीक्षा प्रक्रिया को डिजिटाइज करना और उम्मीदवारों की शिकायतों का निराकरण शामिल हैं।