Finance Ministry on Tax System: सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के बाद वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर साफ कर दिया है कि 1 अप्रैल यानी नए वित्तवर्ष से टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है. हालांकि टैक्सपेयर्स अपनी मर्जी से (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं.


Finance Ministry


वित्तमंत्रालय ने ट्वीट कर साफ कर दिया है कि मौजूदा टैक्स सिस्टम औऱ रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. दरअसल सोशल मीडिया पर ऐसी खबरे आ रही थी कि 1 अप्रैल से नए वित्तवर्ष में टैक्स रिजीम में बदलाव किया जा रहा है.


वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में लोगों के लिए नई आयकर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं है. टैक्सपेयर अपना आईटीआर दाखिल करते समय इस व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया पर जारी उन सूचनाओं के बाद दिया जिसमें एक अप्रैल से प्रभावी नई कर व्यवस्था में कुछ बदलावों का दावा किया गया है.


कोई बदलवाव नहीं


वित्तमंत्रालय ने कहा है कि एक अप्रैल 2024 से कोई नया बदलाव नहीं किया गया है. एक अप्रैल 2023 से शुरू हुए वित्त वर्ष में लोगों के लिए एक संशोधित नई आयकर व्यवस्था लागू की गई थी, जिसके तहत कर दरें काफी कम हैं. हालांकि, उसमें पुरानी व्यवस्था की तरह विभिन्न छूट तथा कटौती (वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा) का लाभ मौजूद नहीं है.


अपनी मर्जी से चुन सकते हैं रिजीम


नए टैक्स रिजीम पर वित्त मंत्रालय साफ करते हुए कहा है कि नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था है. हालांकि करदाता उस कर व्यवस्था (पुरानी या नई) को चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है. नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है. इसका मतलब यह है कि इस वित्तवर्ष में आपको जिस रिजीम में सहुलियत हो उसे आप अपनी मर्जी से चुन सकते हैं जैसे कि पहले होता था.

Post a Comment

أحدث أقدم