सारांश : चार धाम यात्रा के दौरान गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में अब तक 14 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इन मौतों का मुख्य कारण ह्रदय गति का रुकना बताया जा रहा है। वहीं, ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन की समस्याओं के चलते लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और लंबी प्रतीक्षा से श्रद्धालु परेशान हैं।
चार धाम यात्रा का आरंभ और भीड़
चार धाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। कुछ ही दिनों में लाखों श्रद्धालुओं ने इन पवित्र स्थलों के दर्शन किए हैं। हालाँकि, इस बीच यात्रा के दौरान कुछ दुखद घटनाएं भी सामने आई हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में अब तक 14 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।
ह्रदय गति रुकने से मौतें
हाल ही में, गुजरात और महाराष्ट्र के दो श्रद्धालुओं की यमुनोत्री यात्रा के दौरान मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, ये सभी मौतें ह्रदय गति रुकने के कारण हुई हैं। इस वर्ष, यात्रा के दौरान मौसम और ऊँचाई के कारण श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च ऊँचाई और कठिनाईपूर्ण यात्रा मार्ग के कारण यह जोखिम बढ़ जाता है।
रजिस्ट्रेशन की समस्या
चार धाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कई श्रद्धालु 5-5 दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, जिससे उनमें नाराजगी बढ़ गई है। ऋषिकेश में प्रशासन के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी की और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार की मांग की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कुछ कदम उठाए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि वे रजिस्ट्रेशन काउंटरों की संख्या बढ़ाने और प्रक्रिया को और भी सुगम बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न धामों में मेडिकल कैंप लगाए हैं। इन कैंपों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। यात्रा मार्ग पर एम्बुलेंस और चिकित्सा दल तैनात किए गए हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके।
स्थानीय व्यापारियों की समस्याएँ
स्थानीय व्यापारी भी इस स्थिति से प्रभावित हो रहे हैं। रजिस्ट्रेशन की समस्याओं और श्रद्धालुओं की कम संख्या के कारण उनके व्यापार पर असर पड़ा है। वे भी प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं ताकि उनका व्यवसाय सुचारु रूप से चल सके।
तीर्थयात्रियों की प्रतिक्रिया
कई श्रद्धालुओं ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ऐसी महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने यात्रा मार्ग पर और अधिक चिकित्सा सहायता केंद्र स्थापित करने की मांग की है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।
सुधार के प्रयास
प्रशासन ने यात्रा की सुविधाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। यात्रा मार्ग को बेहतर बनाने और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए भी काम चल रहा है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जा रहे हैं।
यात्रा मार्ग की चुनौतियाँ
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तक पहुँचने का मार्ग अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। ऊँचाई, ठंड और कठिन रास्तों के कारण श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रशासन ने मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी कई सुधारों की आवश्यकता है।
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