सारांश: टेलीकॉम विभाग (DoT) ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को लगभग 6 लाख 80 हजार मोबाइल कनेक्शनों की दोबारा जांच करने के लिए 60 दिनों का समय दिया है। यदि निर्धारित समय सीमा में जांच पूरी नहीं हुई तो इन संदिग्ध मोबाइल नंबरों को बंद कर दिया जाएगा। यह कदम मोबाइल फोन पर बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मोदी सरकार का बड़ा एक्शन: 6 लाख मोबाइल नंबरों की दोबारा जांच
टेलीकॉम विभाग (Department of Telecommunications - DoT) ने मोबाइल कंपनियों (Telecom Operators) को लगभग 6 लाख 80 हजार मोबाइल कनेक्शनों की दोबारा जांच करने का आदेश दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि इन कनेक्शनों को गलत, फर्जी या बनावटी पहचान और एड्रेस के डॉक्यूमेंट्स के आधार पर लिया गया हो सकता है। कंपनियों को इस जांच को पूरा करने के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है।
जांच में देरी का मतलब बंद होंगे मोबाइल नंबर
DoT ने स्पष्ट किया है कि यदि टेलीकॉम कंपनियों ने 60 दिनों के भीतर इन संदिग्ध कनेक्शनों की जांच पूरी नहीं की, तो ये नंबर बंद कर दिए जाएंगे। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में फोन पर होने वाली धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से संदिग्ध नंबरों की पहचान
टेलीकॉम विभाग ने (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान की है। DoT का कहना है कि धोखाधड़ी वाले कनेक्शनों को पकड़ने के लिए विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे यह स्पष्ट होता है कि इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म फर्जी पहचान से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने में कारगर साबित हो रहे हैं।
पिछले हफ्ते 1.7 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद
पिछले हफ्ते टेलीकॉम विभाग ने जानकारी दी कि उन्होंने अब तक 1.7 करोड़ से ज्यादा फर्जी मोबाइल कनेक्शनों को बंद कर दिया है और करीब 19 हजार मोबाइल फोन, जो साइबर अपराध में शामिल थे, उन्हें ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई संचार साथी पोर्टल पर मिली शिकायतों और गृह मंत्रालय, बैंकों जैसे महत्वपूर्ण विभागों से मिली जानकारी के आधार पर की गई है।
Chakshu Portal : संदिग्ध मैसेजों की शिकायत का माध्यम
सरकार ने एक नया पोर्टल 'चक्षु' लॉन्च किया है, जहां आप फोन कॉल, SMS या व्हाट्सएप पर आने वाले किसी संदिग्ध या अनचाहे मैसेज की शिकायत कर सकते हैं। DoT के अनुसार, अब तक उन्हें 28,412 शिकायतें मिल चुकी हैं। इनमें से 10,834 कनेक्शनों को दोबारा जांच के लिए चिन्हित किया गया है और 8,272 कनेक्शनों को दोबारा जांच न होने पर बंद कर दिया गया है।
टेलीकॉम विभाग की बड़ी कार्रवाई का असर
DoT द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य न केवल फर्जी कनेक्शनों को समाप्त करना है, बल्कि फोन पर होने वाली धोखाधड़ी को रोकना भी है। इस सख्त कार्रवाई से टेलीकॉम कंपनियों को भी अपनी सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
मोदी सरकार के इस सख्त कदम से टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संदेश गया है। फर्जी कनेक्शनों और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उठाए गए इस कदम से उम्मीद है कि भविष्य में फोन पर होने वाले अपराधों में कमी आएगी। टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए 60 दिनों के अल्टीमेटम से यह स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और इसे जल्द से जल्द सुलझाना चाहती है।
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