सारांश: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने उन्हें मुख्य न्यायाधीश के पास जाने की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और केजरीवाल की याचिका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उनकी 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से मना कर दिया है। केजरीवाल ने मेडिकल आधार पर जमानत बढ़ाने की गुहार लगाई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जज जेके महेश्वरी की बेंच के समक्ष मेंशन किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है और उन्हें मुख्य न्यायाधीश के पास जाने की सलाह दी।
अदालत में पेशी और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें 7 दिनों की और अंतरिम राहत चाहिए ताकि मेडिकल टेस्ट करवाए जा सकें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर मुख्य न्यायाधीश ही निर्णय लेंगे। कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि पिछले हफ्ते जस्टिस दत्ता के सामने मेंशनिंग क्यों नहीं की गई। बता दें कि केजरीवाल ने स्वास्थ्य आधार पर 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका दाखिल की थी।
केजरीवाल की याचिका में दावे
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सरेंडर करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है। उन्होंने स्वास्थ्य जटिलताओं और बढ़े हुए जोखिम संकेतों को देखते हुए अपने मेडिकल टेस्ट के लिए यह समय मांगा है। उनका कहना है कि जांच पूरी होने के बाद वह 9 जून को सरेंडर कर देंगे। याचिका में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण यह टेस्ट आवश्यक हैं ताकि जेल में कोई परेशानी न हो और उनके स्वास्थ्य को किसी भी दीर्घकालिक नुकसान से बचाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम जमानत के दौरान वह हर दिन सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहे हैं और कानून की प्रक्रिया से भागने का कोई जोखिम नहीं है।
केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति
याचिका में कहा गया है कि उनका वजन 6-7 किलोग्राम कम हो गया है और कीटोन स्तर बहुत अधिक है। यह गुर्दा, हृदय की गंभीर बीमारी और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेतक है। मुख्यमंत्री को ‘पैट-सीटी स्कैन’ सहित कुछ चिकित्सकीय जांच कराने की जरूरत है। ‘पैट-सीटी स्कैन’ यानी ‘पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-कंप्यूटेड टोमोग्राफी’ जांच के जरिए शरीर के अंगों एवं ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें ली जाती हैं।
सुप्रीम कोर्ट का पूर्व निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई 2023 को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल को प्रचार करने के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। इसके अनुसार उन्हें 2 जून को सरेंडर करके जेल लौटना था। कोर्ट ने कहा था कि इस दौरान केजरीवाल अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे और ना ही किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर करेंगे, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए ऐसा करना आवश्यक न हो।
गिरफ्तारी और मामले का विवरण
अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला केस में 21 मार्च को (प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे। केजरीवाल करीब 51 दिन बाद जेल से बाहर आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह फैसला सुनाया था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को अब समाप्त कर दिया गया है। इसी मामले में मनीष सिसोदिया भी गिरफ्तार हुए थे।
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