सारांश: आईटी हब बेंगलुरू, जो हाल ही में भीषण सूखे की चपेट में था, अब मानसून की भारी बारिश का सामना कर रहा है। रविवार को हुई इस बारिश ने 133 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। शहर की व्यवस्था चरमरा गई है और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भीषण सूखे के बाद मानसून की मेहरबानी
देश का आईटी कैपिटल बेंगलुरू, जो कुछ दिन पहले तक सूखे से त्रस्त था, अब भारी बारिश का सामना कर रहा है। रविवार को हुई तेज बारिश ने पूरे शहर की व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया। इस साल गर्मियों में बेंगलुरू को भीषण सूखा झेलना पड़ा था, लेकिन अब इंद्र देव की कृपा से स्थिति बदल गई है। रविवार को इतनी बारिश हुई कि पूरा शहर लबालब हो गया।
133 साल का रिकॉर्ड टूटा
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को हुई बारिश ने पिछले 133 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बीते 133 सालों में जून महीने के सबसे अधिक बारिश वाले दिन के रूप में 2 जून दर्ज किया गया। रविवार देर रात तक बेंगलुरू में 111 एमएम बारिश हो चुकी थी। इससे पहले 16 जून 1891 को 101.6 एमएम बारिश हुई थी। एक दिन में हुई इस भारी बारिश ने पूरे जून महीने की औसत बारिश को पार कर लिया।
मानसून की आगमन से भारी बारिश
दक्षिणी मानसून के कर्नाटक तट पर पहुंचने की वजह से बेंगलुरू में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मानसून की बारिश ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। जून महीने में बेंगलुरू में औसतन 110.3 एमएम बारिश होती है, जबकि इस साल 1 और 2 जून को मिलाकर 120 एमएम बारिश हो चुकी है।
शहर में बारिश का व्यापक प्रभाव
कर्नाटक स्टेट नेचुरल डिजास्टर मोनिटरिंग सेंटर के अनुसार, बेंगलुरू के हर कोने में बारिश हुई है। हंपी नगर में सबसे अधिक 110.50 एमएम बारिश दर्ज की गई। सोमवार को भी शहर में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है, क्योंकि 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई
पूरे दिन और रात की बारिश ने बेंगलुरू की ट्रैफिक व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। 100 से अधिक पेड़ गिर गए हैं और सड़कों पर 500 से अधिक पेड़ों की टहनियां बिखरी पड़ी हैं। इस कारण बिजली की सप्लाई कई इलाकों में बाधित हो गई है और कई जगहों पर पूरी रात बिजली नहीं थी। कई मुख्य मार्गों और बेंगलुरू-मैसूर हाईवे पर पानी भर गया है।
सूखे से राहत, लेकिन नई चुनौतियाँ
गौरतलब है कि इस साल गर्मियों में बेंगलुरू में भीषण सूखा पड़ा था, जिससे पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो गया था। ग्राउंड वाटर का स्तर काफी नीचे चला गया था और बेंगलुरू वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। अब जबकि बारिश से सूखे की समस्या हल हुई है, नई चुनौतियाँ सामने आई हैं।
शहर की व्यवस्थाएँ प्रभावित
शहर की व्यवस्थाएँ बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं। कई इलाकों में पानी भरने से यातायात और जनजीवन प्रभावित हुआ है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हुए। सड़कों पर गिरे पेड़ और टहनियों ने सफाई व्यवस्था को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
प्रशासन की तैयारी और सुझाव
प्रशासन ने हालात को देखते हुए आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
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