सारांश लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र 24 जून से 3 जुलाई तक आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण, लोकसभा स्पीकर का चुनाव, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराएंगे और विपक्षी मुद्दों पर चर्चा का जवाब देंगे।


संसद सत्र 24 जून से: शपथ ग्रहण, स्पीकर चुनाव और राष्ट्रपति का अभिभाषण


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार के पुनर्निर्वाचन के बाद, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। इस सत्र के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ घटित होंगी, जिनमें नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह, लोकसभा स्पीकर का चुनाव और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करना शामिल है।


नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण

संसद सत्र के प्रारंभिक तीन दिनों में, नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। यह शपथ ग्रहण समारोह लोकसभा की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें सभी नए सदस्य अपने पद की शपथ लेते हैं और आधिकारिक तौर पर अपने कार्यभार को संभालते हैं।


लोकसभा स्पीकर का चुनाव

सत्र के दौरान लोकसभा के स्पीकर का चुनाव भी होगा। स्पीकर का पद संसद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और सदस्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए आवश्यक है। यह चुनाव संसद सत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह तय करेगा कि आने वाले वर्षों में संसद की कार्यवाही कैसे संचालित होगी।


राष्ट्रपति का अभिभाषण

27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। अपने अभिभाषण में, राष्ट्रपति नई सरकार के अगले पांच वर्षों के लिए रोडमैप प्रस्तुत करेंगी। यह अभिभाषण सरकार की प्राथमिकताओं और आगामी योजनाओं का विवरण देगा, जिससे सदस्यों को सरकार की आगामी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिलेगी।


प्रधानमंत्री का मंत्रिपरिषद परिचय

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद का संसद में परिचय कराएंगे। यह प्रक्रिया नई सरकार के गठन के बाद होती है, जहां प्रधानमंत्री अपने सहयोगियों को संसद और देश के सामने प्रस्तुत करते हैं।


विपक्ष का रुख और बहस

राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान, विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरने का प्रयास कर सकता है। यह संसद सत्र इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा कि विपक्षी दल सरकार की नीतियों और क्रियाकलापों पर अपनी राय और आलोचना प्रस्तुत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर होने वाली बहस का जवाब देंगे और सरकार की योजनाओं का समर्थन करेंगे।


रिजूजू की पुष्टि

केंद्रीय मंत्री रिजूजू ने अपने एक्स अकाउंट पर पुष्टि की है कि 18वीं लोकसभा का सत्र नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण, अध्यक्ष चुनाव और राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ 24 जून से 3 जुलाई तक के लिए बुलाया गया है।


सत्र की अहमियत

इस संसद सत्र का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह नई सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं का उद्घाटन करेगा। साथ ही, यह सत्र नई लोकसभा के संचालन के लिए नींव तैयार करेगा और सदस्यों को उनके नए कार्यभार के प्रति जागरूक करेगा।

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