सारांश: नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाग लिया लेकिन बीच में ही बैठक छोड़ दी। उनका कहना है कि उन्हें बोलने से रोका गया। इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। ममता बनर्जी ने योजना आयोग की बहाली की मांग करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और बैठक में शामिल अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने मुद्दों को उठाया।


नीति आयोग की बैठक में बोले जाने से रोका गया: ममता बनर्जी का विरोध और बहिष्कार


नीति आयोग की बैठक और इंडिया गठबंधन का बहिष्कार

दिल्ली में 27 जुलाई को नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित की गई। इंडिया गठबंधन के कई दलों ने इस बैठक का बहिष्कार किया। इन दलों ने पहले ही बजट को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा की थी। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में भाग लिया, लेकिन जल्द ही वह नाराज होकर बाहर आ गईं।


ममता बनर्जी का विरोध

बैठक के दौरान, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने से रोका गया। उन्होंने कहा, "मुझे 5 मिनट बोलने के बाद ही चुप करवा दिया गया।" इस बात से नाराज होकर उन्होंने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया और यह भी कहा कि वह अब इस बैठक में कभी नहीं आएंगी।


योजना आयोग की बहाली की मांग

ममता बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग के गठन के बाद से उन्होंने इसे कोई ठोस काम करते हुए नहीं देखा है। उन्होंने योजना आयोग की बहाली की मांग की और कहा, "पहले योजना आयोग था, जिसमें एक व्यवस्था थी और मुख्यमंत्री के तौर पर मैं उसे देख सकती थी।" उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थापित नीति आयोग को खत्म करने और योजना आयोग को फिर से बहाल करने की मांग की।


विपक्षी नेताओं का बहिष्कार

नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने वाले राज्यों में तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, केरल और झारखंड के मुख्यमंत्री शामिल थे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया पर बजट को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और आरोप लगाया कि बीजेपी का बजट विपक्षी राज्यों के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई जैसा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार तमिलनाडु की उपेक्षा कर रही है।


बैठक में शामिल अन्य मुद्दे

बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर था। बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों की चिंताओं और अहम मुद्दों को उठाने का मौका पाया।


बीजेपी पर ममता बनर्जी का हमला

ममता बनर्जी ने बीजेपी को "टुकड़े-टुकड़े मंच" करार दिया और कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के पास कोई शक्ति नहीं है और इसे भंग कर योजना आयोग को पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।

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