दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो लड़कियां और एक लड़का शामिल हैं। इस हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राव कोचिंग सेंटर में शनिवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर गया, जिससे तीन छात्रों की जान चली गई। इस हादसे में मृतकों की पहचान श्रेया यादव, तान्या सोनी और नवीन दल्विन के रूप में की गई है। श्रेया यादव उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की निवासी थीं, जबकि तान्या सोनी तेलंगाना से थीं। नवीन दल्विन केरल के एर्नाकुलम जिले के रहने वाले थे।
इस हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर को हिरासत में ले लिया गया है। मृतक श्रेया यादव के रिश्तेदारों ने कोचिंग सेंटर के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस हादसे के लिए कोचिंग सेंटर के मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
आप विधायक दुर्गेश पाठक का बयान:
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेसमेंट में पढ़ाना पूरी तरह से आपराधिक गतिविधि है। उन्होंने दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि बीजेपी के 15 साल के शासन में यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। पाठक ने कहा कि पिछले एक साल से आम आदमी पार्टी इस पर काम कर रही है, लेकिन अब तक पूरी तरह से सुधार नहीं हो पाया है। उन्होंने घटना की जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय का बयान:
दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। वहां पर NDRF की टीम बचाव अभियान चला रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश तीन बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। मेयर ओबेरॉय ने MCD कमिश्नर को एक पत्र लिखकर कहा है कि जो संस्थान MCD के क्षेत्राधिकार में आते हैं और वहां पर बेसमेंट में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले में MCD के अधिकारी शामिल पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हादसे की जांच और सुधार की मांग:
इस हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि बेसमेंट में पढ़ाई क्यों कराई जा रही थी और वहां पानी भरने की स्थिति कैसे उत्पन्न हुई। दिल्ली की जल निकासी व्यवस्था को सुधारने की मांग जोर पकड़ रही है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, लेकिन इस समय जरूरी है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
समाज की जिम्मेदारी:
इस हादसे ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था कितनी कमजोर है। कोचिंग सेंटर जैसे संस्थानों में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा से समझौता किसी भी कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए। संबंधित अधिकारियों को इस हादसे से सीख लेकर भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।
इस हादसे ने तीन परिवारों की दुनिया उजाड़ दी है। यह समय है कि हम सभी मिलकर इस दर्दनाक घटना से सबक लें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके। सुरक्षा मानकों का पालन और सतर्कता ही इस तरह के हादसों को रोकने का एकमात्र उपाय है।
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