सारांश: नाटो ने अपने 75वीं वर्षगांठ शिखर सम्मेलन में यूक्रेन को F-16 जेट्स भेजने की घोषणा की है। यह कदम रूस के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर सकता है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गठबंधन से रूस के सैन्य उत्पादन के साथ तालमेल बनाए रखने का आग्रह किया है। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को क्षेत्रीय रियायतें देकर शांति समझौता लाने का प्रस्ताव रखा है।
नाटो सहयोगियों ने बुधवार (10 जुलाई) को अपनी 75वीं वर्षगांठ शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन को F-16 जेट भेजने की घोषणा की। यह सम्मेलन वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया गया, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्यक्तिगत रूप से नाटो के 31 अन्य नेताओं का स्वागत किया। बाइडेन ने इस मौके पर रूस के सैन्य उत्पादन के साथ तालमेल बनाए रखने और यूक्रेन को आवश्यक समर्थन देने का आग्रह किया।
इस घोषणा के बाद से रूस के लिए नई चिंताएँ उभरने लगी हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान नाटो समूह ने यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार मुहैया कराए हैं, जिनमें से सबसे अधिक अमेरिका ने भेजे हैं। अब यूक्रेन को युद्ध में बढ़त दिलाने के लिए F-16 फाइटर जेट्स की सप्लाई रूस के लिए नई चुनौती बन सकती है।
शिखर सम्मेलन के दौरान बाइडेन ने यह भी बताया कि डेनमार्क और नीदरलैंड ने यूक्रेन को यूएस-निर्मित F-16 जेट्स भेजना शुरू कर दिया है। नाटो समूह ने पिछले साल यूक्रेन से वादा किया था कि वह उसे हवाई हमले में बराबरी पहुंचाने में मदद करेगा और अब इस वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि F-16 ट्रांसफर करने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यह संदेश जाएगा कि यूक्रेन से आगे बढ़ना उनके लिए आसान नहीं होगा। बाइडेन ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि यूक्रेन को मजबूती से खड़ा रखने के लिए उसे खतरनाक हथियारों की सप्लाई जारी रहे। दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह विचार किया है कि यूक्रेन को रूस को क्षेत्र सौंपने के लिए मजबूर करके शांति समझौता लाया जा सकता है। ट्रंप का मानना है कि वे ऐसा तब करेंगे, जब वे देश के राष्ट्रपति बन जाएंगे।
इस बीच, नाटो के अन्य सहयोगी भी यूक्रेन को समर्थन देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं। डेनमार्क और नीदरलैंड ने F-16 जेट्स की सप्लाई शुरू कर दी है, जो यूक्रेन की वायुसेना को मजबूती देंगे और उसे रूसी हवाई हमलों का मुकाबला करने में सक्षम बनाएंगे।
नाटो की इस नई पहल के चलते रूस की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। पिछले कुछ महीनों में यूक्रेन ने रूसी हमलों का प्रभावी रूप से सामना किया है, और F-16 जेट्स की सप्लाई से उसकी सामरिक क्षमता में और भी वृद्धि होगी। बाइडेन ने शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि नाटो को रूस के खिलाफ अपनी एकजुटता और मजबूती दिखानी होगी।
ट्रंप के विचारों के विपरीत, बाइडेन का मानना है कि रूस को किसी भी तरह की रियायत देने से उसकी आक्रामकता और बढ़ेगी। इसलिए, यूक्रेन को आवश्यक सैन्य समर्थन प्रदान करना ही एकमात्र उपाय है।
अंत में, नाटो की यह पहल यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के समीकरण को बदल सकती है। नाटो का यह कदम यूक्रेन को न केवल वायु शक्ति में मजबूती देगा, बल्कि उसे युद्ध में रणनीतिक बढ़त भी दिलाएगा। यह देखा जाना बाकी है कि रूस इस नई चुनौती का सामना कैसे करेगा और इस पर उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी।
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