सारांश: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान ने इजराइल पर प्रत्यक्ष हमले का आदेश दिया है। सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक आपातकाल बैठक में यह निर्णय लिया।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपनी सेना को इजराइल के खिलाफ प्रत्यक्ष हमला करने का आदेश दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि खामेनेई ने एक आपातकाल बैठक बुलाई, जिसमें यह आदेश पारित किया गया। ईरान की राजधानी तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से ही ईरान बदले की आग में जल रहा है। हानिया की हत्या के बाद ईरान में भारी आक्रोश है और अब खामेनेई ने इस गुस्से को कार्रवाई में बदलने का निर्णय लिया है।
हमले की शक्ति का अनुमान नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के तीन अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी बैठक के बाद इजराइल पर हमले का आदेश दिया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान किस हद तक और कितनी शक्ति के साथ इजराइल पर हमला करेगा। अप्रैल 2024 में ईरान ने इजराइल पर बड़ा हमला किया था, जिसमें सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे गए थे। इजराइल के आयरन डोम ने अधिकांश मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था।
ईरान का गुस्सा
ईरान का गुस्सा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इजराइल ने उसके दुश्मन हमास के पॉलिटिकल लीडर इस्माइल हानिया को ईरान के घर में घुसकर मारा है। इस घटना के बाद से ही ईरान बुरी तरह से गुस्से में है। ईरान का कहना है कि इजराइल ने हमारे मेहमान को हमारे इलाके में मारा है, इसलिए खून का बदला खून से लिया जाएगा। कोम स्थित प्रमुख मस्जिद पर लाल झंडा भी लगा दिया गया है, जो बदले का प्रतीक माना जाता है। ईरान ने इस हमले के लिए इजराइल को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है, जबकि इजराइल ने अब तक न तो इस हमले की जिम्मेदारी ली है और न ही इसे नकारा है।
इजराइल की चेतावनी
दूसरी ओर, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि अगर उनके देश पर हमला हुआ तो ईरान को इसके गंभीर नतीजे भुगतने को तैयार रहना चाहिए। इजराइल का अपने दुश्मनों को चुन-चुनकर मारने का इतिहास काफी पुराना है। ईरान के न्यूक्लियर साइंटिस्ट से लेकर सैन्य कमांडरों तक, इजराइल ने विदेश में अपने दुश्मनों का खात्मा किया है। यहां तक कि हमास चीफ इस्माइल हानिया पर भी उस समय हमला हुआ जब वे ईरान दौरे पर थे।
बदले की तैयारी
ईरान के इस आदेश के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। खामेनेई की बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि ईरान इस बार कोई कसर नहीं छोड़ेगा। यह देखना बाकी है कि इजराइल इस हमले का किस प्रकार से जवाब देगा। हालांकि, इतिहास को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इजराइल अपने दुश्मनों को किसी भी हालत में छोड़ने वाला नहीं है। इजराइल की सेना और खुफिया एजेंसियां इस समय उच्च स्तर पर सतर्क हैं।
स्थिति गंभीर
मध्य पूर्व में हालात इस समय बहुत ही गंभीर हैं। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध की संभावना बढ़ती जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और उम्मीद कर रहा है कि कोई स्थायी समाधान निकले। युद्ध की स्थिति में न केवल इन दोनों देशों को बल्कि पूरे क्षेत्र को भारी नुकसान हो सकता है।
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