सारांश: सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण और उनकी अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाने के लिए एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक के तहत वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य सत्यापन किया जाएगा। प्रस्तावित संशोधन वक्फ बोर्ड की शक्तियों की समीक्षा करेंगे और संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया को लागू करेंगे।


वक्फ बोर्ड संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए सरकार की नई योजना - अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया होगी लागू


नई दिल्ली:वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को 'वक्फ परिसंपत्ति' घोषित करने और उस पर नियंत्रण करने की अनियंत्रित शक्तियों को सीमित करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम को कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में 40 से अधिक संशोधनों पर चर्चा की, जिसमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच शामिल है। वर्तमान में वक्फ बोर्ड के पास देशभर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों पर अधिकार है।


कैबिनेट बैठक में चर्चा:

प्रस्तावित संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड के दावों का अनिवार्य सत्यापन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को उन संपत्तियों पर भी लागू किया जाएगा जिन पर वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों ने दावे किए हैं। हालांकि, कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, अगले हफ्ते इस विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है।


वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश:

सूत्रों ने बताया कि संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के दो प्रावधान, जो वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों को नियंत्रित करेंगे, अधिनियम में शामिल किए गए प्रमुख संशोधन हैं। वर्तमान में वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग करने की शक्ति प्राप्त है। देशभर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आती हैं।


कानून की आवश्यकता:

मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया तथा बोहरा समुदायों के कई लोगों ने मौजूदा कानून में बदलाव की मांग की थी। उन्होंने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनावों से काफी पहले ही संशोधन की तैयारी शुरू हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि ओमान, सऊदी अरब और अन्य इस्लामी देशों के कानूनों की प्रारंभिक समीक्षा से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने किसी एक इकाई को इतने व्यापक अधिकार नहीं दिए हैं।


2013 के बाद वक्फ बोर्ड को दिए गए अधिकार:

2013 में यूपीए सरकार के दौरान मूल अधिनियम में संशोधन करके वक्फ बोर्डों को अधिक व्यापक अधिकार प्रदान किए गए थे। इन अधिकारों के कारण वक्फ अधिकारियों, व्यक्तिगत संपत्ति मालिकों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित कई राज्य संस्थाओं के बीच विवाद उत्पन्न हुआ है।


संशोधनों के प्रमुख बिंदु:


  • अनिवार्य सत्यापन: वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों के दावे अब अनिवार्य सत्यापन के अधीन होंगे। यह सत्यापन प्रक्रिया वक्फ बोर्ड और व्यक्तिगत मालिकों दोनों के दावों पर लागू होगी।
  • मनमानी शक्तियों पर अंकुश: वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को सीमित किया जाएगा, ताकि वे किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग न कर सकें।
  • संपत्ति विवादों का समाधान: संशोधन से संपत्ति विवादों का समाधान करने और वक्फ बोर्ड की शक्तियों की समीक्षा करने का प्रयास किया जाएगा।
  • कानूनी प्रक्रिया में सुधार: संशोधन से वक्फ संपत्तियों की कानूनी प्रक्रिया में सुधार होगा और इसमें पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • समुदायों की मांग: मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और विभिन्न समुदायों की मांग पर इस संशोधन को लागू किया जा रहा है, ताकि उनके अधिकारों की सुरक्षा हो सके।


वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगेगा और संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया लागू होगी। सरकार का यह प्रयास वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करेगा।

Post a Comment

और नया पुराने