सारांश : बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। उन्होंने भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और चीन पर शेख हसीना की सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने के आरोप लगे हैं, लेकिन वे नाकाम साबित हुए हैं।
बांग्लादेश की राजनीति में हाल ही में हुए परिवर्तनों के बाद, नई अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच हुई इस बातचीत ने भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों को और भी मजबूत किया है। यूनुस ने भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जो कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी का एक मजबूत संकेत है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब अमेरिका और चीन पर बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता को गिराने की साजिश रचने के आरोप लगे हैं, लेकिन उनकी ये कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं।
वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भारत की मेजबानी
भारत के मेजबानी में शनिवार को शुरू हुए तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भी हिस्सा लिया। यह शिखर सम्मेलन वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन और समापन सत्र की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में बांग्लादेश के प्रमुख की मौजूदगी नई दिल्ली और ढाका के आपसी संबंधों की मजबूती का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। जी20 के हमारे नेतृत्व में भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एजेंडा तैयार किया है।”
मोदी ने आगे बढ़ते हुए कहा, “आज दुनिया के कई हिस्सों में अनिश्चितताओं का माहौल है; हम भोजन, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आतंकवाद, उग्रवाद, और अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरे बने हुए हैं।”
मोदी-यूनुस बातचीत: बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शिखर सम्मेलन से पहले बांग्लादेश के नए अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस से फोन पर बातचीत की थी। यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच पहली बार हुई थी, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बांग्लादेश में सरकार के सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से फोन पर बात की। मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।" इसके साथ ही, मोदी ने यूनुस से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे को उठाया है। इससे पहले, 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद मोहम्मद यूनुस की भूमिका
बांग्लादेश की राजनीति में हाल ही में हुए बदलावों के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है। उनके इस नए पदभार के बाद, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मोहम्मद यूनुस को शपथ ग्रहण के बाद सोशल मीडिया पर बधाई दी थी और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
मोहम्मद यूनुस की नई भूमिका और उनके द्वारा उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि बांग्लादेश की नई सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को और भी मजबूत करने के लिए तैयार है। यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का जो आश्वासन दिया है, वह दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को और भी गहरा करेगा।
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