सारांश : पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मौजूदा सरकार पर लोगों का विश्वास टूटने की बात कही है। राज्यपाल की राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति शासन की संभावना पर चर्चा तेज हो गई है।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस घटना को 'सबसे शर्मनाक पल' करार देते हुए राज्य में मौजूदा सरकार पर से लोगों का विश्वास उठ जाने की बात कही है। इस घटना ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, और ममता बनर्जी सरकार की तीव्र आलोचना हो रही है।
इस गंभीर स्थिति के बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। हालाँकि, इन मुलाकातों को औपचारिक बताया जा रहा है, लेकिन बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह मुलाकातें काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भी की है, हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राज्य में उथल-पुथल की स्थिति:
राज्यपाल बोस ने इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की स्थिति को 'उथल-पुथल' की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि छात्रों और युवाओं का सरकार के प्रति भरोसा कम हो गया है, और महिलाएं अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन जिम्मेदारियों को सरकार को निभाना चाहिए, उनमें वह असफल रही है। राज्यपाल के अनुसार, सरकार की नीतियों और कार्रवाईयों ने जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई है।
जागो बांग्ला का दावा:
बंगाल सरकार के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' ने दावा किया है कि राज्यपाल ने राष्ट्रपति और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है। इस दावे के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल मच गई है, लेकिन अब तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ममता सरकार की आलोचना:
राज्यपाल ने ममता बनर्जी द्वारा हाल ही में आयोजित रैली का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियां केवल बयानबाजी हैं और उनके पास जनता की समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है और सरकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने में विफल हो रही है। राज्यपाल ने कोलकाता पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने पुलिस के 'अपराधीकरण और राजनीतिकरण' का जिक्र किया।
ट्रेनी डॉक्टर की दर्दनाक मौत:
8-9 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इस दर्दनाक घटना ने राज्य के अस्पतालों में हड़कंप मचा दिया और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गईं। डॉक्टरों ने न्याय की मांग के साथ-साथ कार्यस्थल पर सुरक्षा के बेहतर इंतजाम की भी मांग की है।
जनता में बढ़ती निराशा:
राज्यपाल बोस ने कहा कि पुलिस और प्रशासन पर जनता का भरोसा घटता जा रहा है। खासकर महिला डॉक्टरों और पैरामेडिक कर्मियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जब कार्रवाई की जरूरत होती है, तो सरकार द्वारा कदम नहीं उठाए जाते, जिससे जनता में निराशा और अविश्वास की भावना प्रबल हो रही है।
मुख्यमंत्री के रुख पर सवाल:
राज्यपाल बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रुख पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी द्वारा निकाली गई रैली और उनके बयान सिर्फ दिखावा हैं। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि मुख्यमंत्री खुद स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री भी हैं, और उनका यह दावा करना कि वे न्याय चाहती हैं, केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास है। बोस ने ममता बनर्जी की तुलना डॉ. जेकेल और मिस्टर हाइड से की, जो एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग पहलुओं का प्रतीक है।
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