सारांश : हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आई भयंकर बाढ़ में 36 लोग लापता हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य बचाव दल लगातार उनकी तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। इस बाढ़ में कई परिवार प्रभावित हुए हैं और उन्हें फौरी राहत राशि प्रदान की गई है।

Himachal Pradesh में विनाशकारी बाढ़: 36 लोग लापता, तलाश जारी

बुधवार रात को हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर के समेज खड्ड में अचानक बादल फटने से आई भयंकर बाढ़ में 36 लोग बह गए। शुक्रवार को दूसरे दिन भी इन लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम, होमगार्ड और आईटीबीपी के जवान लगातार बारिश में भी लापता लोगों को खोजने में लगे रहे, लेकिन शाम तक कोई कामयाबी नहीं मिली।


लापता लोगों के परिजन और रिश्तेदार भी लगातार अपने लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। दोपहर 12 बजे बारिश होने से रेस्क्यू टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन वे डटे रहे। प्रशासन की ओर से 20 परिवारों को फौरी राहत राशि प्रदान की गई है। हर परिवार को 15-15 हजार रुपये दिए गए हैं।


उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि पीड़ितों और प्रभावितों को राहत राशि वितरित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्र गति से चल रहा है और हमारा लक्ष्य हर लापता व्यक्ति को ढूंढने का है। रेस्क्यू टीम में अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है और बिजली व पानी की व्यवस्था भी जल्द बहाल की जाएगी। सर्च अभियान 85 किलोमीटर तक चलाया जा रहा है। इस दौरान प्रशासन और अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने भी भोजन और पानी की व्यवस्था की थी।


बाढ़ में बहे अजय की कहानी:


शिमला जिले के समेज में आई बाढ़ में सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दुगाना गांव के अजय पुंडीर भी लापता हो गए हैं। अजय एक पावर प्रोजेक्ट में सिविल ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे थे। अजय की लापता होने की खबर सुनते ही उनके परिजन समेज पहुंचे हैं। उनके चाचा सुमेर पुंडीर ने बताया कि अजय को फोन पर सूचना मिल गई थी कि बादल फटने से बाढ़ आई है। उन्होंने अपने स्टाफ और अन्य लोगों को बचाया। एक बार अजय सुरक्षित स्थान पर आ गए थे, लेकिन मकान मालकिन को बचाने के लिए वे निचली मंजिल पर चले गए। कुछ ही मिनटों में पानी का सैलाब आया और दोनों को बहा ले गया। रामपुर के एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि लापता लोगों की खोज जारी है।


तबाही का मंजर:


रामपुर उपमंडल और निरमंड खंड के अंतर्गत समेज गांव में अचानक आई बाढ़ से मची तबाही का मंजर यादकर लोग सो नहीं पाए। बुधवार रात की बाढ़ ने गहरे जख्म दे दिए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वे सो रहे थे जब अचानक भूंकप जैसी आवाज आई। बाहर जाकर देखा तो लोग बाढ़ में बह रहे थे, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए। समेज में बिजली की व्यवस्था न होने से अंधेरे में रहना पड़ रहा है। उनके घर के पास बाढ़ का पानी बह रहा था और उन्हें डर सता रहा है कि कहीं दोबारा आपदा न आ जाए। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों का रहने का प्रबंध बुशहर सदन में किया है।


राजबन और मलाणा की स्थिति:


हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं के बाद शुक्रवार को मंडी के राजबन में दो बच्चों के शव बरामद हुए। वहीं मलाणा टनल में फंसे दो इंजीनियरों समेत छह लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। समेज में 36 लोग अभी भी लापता हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है और राजबन में पांच लोग लापता हैं। स्थानीय लोग भी अपनों को मलबे में ढूंढ रहे हैं। राजबन में एहतियात के तौर पर 25 घरों को खाली करवा दिया गया है और प्रशासन ने पीड़ितों को राशन, मेडिकल किट और तिरपाल वितरित किए हैं।


मलाणा परियोजना के पास बादल फटने से मलाणा गांव का संपर्क कट गया है। मलाणा जल विद्युत परियोजना में फंसे लोगों को 34 घंटे बाद रेस्क्यू किया गया। समेज में लापता 36 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।


ड्रोन से तलाश:


मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि राजबन में खोज अभियान युद्धस्तर पर जारी है। पांच लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन की सहायता भी ली जा रही है। हादसे वाले स्थान से नीचे की ओर खड्ड बहती है, जिसमें पानी का बहाव बहुत तेज है।


सगनम गांव की त्रासदी:


काजा उपमंडल के सगनम गांव में शुक्रवार शाम बादल फटने से एक महिला की मौत हो गई। बाढ़ के साथ आए मलबे में एक गाड़ी दब गई। मृतक महिला की पहचान जंगमो के रूप में हुई है। प्रशासन और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की एक टुकड़ी बचाव कार्य में जुटी है। 

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