सारांश : शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए खुशखबरी! सेबी (SEBI) अब IPO की मंजूरी प्रक्रिया में AI का उपयोग करने जा रही है। इससे IPO के फॉर्म को भरने और मंजूरी प्राप्त करने में कम समय लगेगा, जिससे निवेशकों और कंपनियों को लाभ होगा। सेबी के नए बदलावों से शेयर बाजार में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।
SEBI के IPO मंजूरी में AI का उपयोग: निवेशकों और कंपनियों के लिए बेहतर सुविधा
शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) अब IPO की मंजूरी प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने जा रही है। इस नए परिवर्तन से IPO की प्रक्रिया में तेजी आएगी और निवेशकों को कंपनी की जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी।
IPO प्रक्रिया में सुधार
सेबी (SEBI) ने घोषणा की है कि वह IPO की मंजूरी के लिए एक नया फॉर्म तैयार कर रही है, जिसे AI की मदद से जांचा जाएगा। यह नया फॉर्म IPO लाने की तैयारी कर रही कंपनियों को भरना होगा। इस प्रक्रिया से निवेशकों को कंपनी की जानकारी समझने में आसानी होगी और SEBI को भी जांच करने में कम समय लगेगा।
माधबी पुरी बुच की घोषणा
सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने बताया कि SEBI IPO की मंजूरी के लिए AI की मदद लेने की तैयारी कर रही है। नए फॉर्म में कंपनियों को ऑफर से जुड़ी जटिल जानकारी को भी सरलता से समझाने के लिए जगह दी जाएगी। इससे IPO को मंजूरी मिलने में कम समय लगेगा और निवेशकों को कंपनी के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त होगी।
उद्योग संगठनों का समर्थन
उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) के एक कार्यक्रम में माधबी पुरी बुच ने इस नए फॉर्म की विशेषताओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि नया फॉर्म समझने में काफी आसान होगा और अगर कोई अलग बात होगी तो उसे अलग से समझाया जा सकेगा। इस समय कई कंपनियां SEBI के पास IPO के लिए आवेदन दे चुकी हैं, जो कुल 80,000 करोड़ रुपये बाजार से जुटाना चाहती हैं। इतने आवेदनों की वजह से SEBI को अपने दूसरे कामों को रोककर कर्मचारियों को IPO से जुड़े काम पर लगाना पड़ रहा है।
मंजूरी प्रक्रिया में बदलाव
SEBI ऐसे प्रोसेस पर भी काम कर रहा है जिससे कंपनियों को शेयर बाजार में पैसा जुटाने के लिए दो तरह की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी कंपनियों को 'राइट्स इश्यू' और 'प्रीफरेंशियल इश्यू' के लिए अलग-अलग मंजूरी लेनी पड़ती है। अब SEBI की चाहत है कि एक ही फॉर्म में पूरी जानकारी हो और मंजूरी मिलने में आधा समय लगे। इससे कंपनियों का पैसा भी बचेगा क्योंकि उन्हें बिचौलियों की जरूरत कम पड़ेगी।
फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स पर निगरानी
SEBI के सदस्य कमलेश चंद्र वर्ष्णी ने बताया कि SEBI जल्द एक दस्तावेज जारी करेगा जिसमें फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर्स को नियमों के दायरे में लाने के बारे में सुझाव मांगे जाएंगे। इसका मकसद उन लोगों को नियंत्रित करना है जो अभी SEBI के नियमों के दायरे में नहीं आते हैं। SEBI ने IPO प्रक्रिया को आसान करने के लिए कई नए तरीके निकाले हैं।
केवाईसी की जांच
माधबी पुरी बुच ने कहा कि देश के शेयर बाजार को सुरक्षित रखने के लिए केवाईसी की पूरी जांच करना जरूरी है। SEBI इस दिशा में भी सुधार लाने की कोशिश कर रही है ताकि निवेशकों की जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष
SEBI के इन नए सुधारों से IPO की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी और निवेशकों को कंपनियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी। इससे शेयर बाजार में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी, जो निवेशकों और कंपनियों दोनों के लिए लाभदायक होगा।
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