सारांश : कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है, जहां सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने राज्य सरकार से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पर कड़े सवाल उठाए हैं। वहीं, कोलकाता में हजारों लोग 'रिक्लेम द नाईट' के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें कलाकारों और आम जनता ने हिस्सा लिया है। कोर्ट ने सीबीआई की जांच पर भी सवाल उठाए हैं और पूरे मामले को लेकर सरकार से जवाब मांगा है।


सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर हत्याकांड पर कसा शिकंजा, पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल


कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का मामला एक बड़ा मुद्दा बन चुका है, जिससे पूरे देश में रोष फैल गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब तलब किया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले पर सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर भी सवाल उठाए।


सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि महिला डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत की सूचना समय पर दर्ज नहीं की गई थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र दोपहर 1:47 बजे जारी हुआ, जबकि पुलिस ने अप्राकृतिक मौत की इंट्री दोपहर 2:55 बजे दर्ज की। इस देरी को लेकर कोर्ट ने भी सवाल उठाए और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की, जिसमें बिना औपचारिक अनुरोध के पोस्टमार्टम किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं।


इस मामले ने कोलकाता में जनता के बीच गुस्सा और असंतोष पैदा कर दिया है। रविवार की रात को हजारों लोग सड़कों पर उतरे और 'रिक्लेम द नाईट' के तहत कैंडल मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में महिलाओं, बच्चों, व्यापारियों और कलाकारों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। विरोध का यह सिलसिला रात भर जारी रहा, जिसमें 15 किलोमीटर तक मानव श्रृंखला बनाई गई।


इस आंदोलन में फिल्म जगत के कई नामी कलाकार भी शामिल हुए, जिन्होंने सड़कों पर मार्च किया। कलाकार सुबल पॉल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वे न्याय की मांग में जनता के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, "हम कलाकार हैं जो मिट्टी से देवी की मूर्तियों का निर्माण करते हैं। लेकिन जिस दुर्गा को हमने खो दिया, उसके लिए न्याय की मांग करना हमारा कर्तव्य है।"


दक्षिण कोलकाता के गरियाहाट इलाके में 52 स्कूलों के पूर्व छात्रों ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया। उन्होंने सड़कों पर पेंटिंग बनाकर और मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया। नैहाटी में भी लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया, हालांकि यहां विरोध के दौरान कुछ विवाद भी हुआ।


इस मामले में जूनियर डॉक्टर भी काफी समय से हड़ताल पर हैं। उनकी मुख्य मांग सीबीआई जांच में तेजी लाने की है, क्योंकि अब तक की जांच में कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है। मृण्मय बसाक, जो कि कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज के तीसरे वर्ष के छात्र हैं, ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वे जांच की धीमी गति से बेहद निराश हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।


सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पर भी जवाब मांगा है। यह मामला अब एक बड़ा कानूनी मुद्दा बन चुका है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की भूमिका अहम हो गई है। आने वाले दिनों में इस मामले की सुनवाई और आगे बढ़ सकती है, और कोर्ट का निर्णय इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।


इस बीच, कोलकाता की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। लोग न्याय की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं, और उनकी मांग है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। जनता का यह आक्रोश सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ा संदेश है कि अब और ढील नहीं दी जा सकती।


आगे की सुनवाई में कोर्ट का निर्णय इस मामले में बड़ा मोड़ ला सकता है, और उम्मीद की जा रही है कि न्याय की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इस घटना ने ना केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, और सभी की नजरें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं।

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