सारांश : जम्मू-कश्मीर में 2024 के विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी है। सात जिलों की 24 सीटों पर हो रहे इस मतदान में सुबह 11 बजे तक 26.7% मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। कुल 87.09 लाख मतदाताओं में 42.6 लाख महिलाएं शामिल हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच चुनाव तीन चरणों में हो रहा है, और परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। 35,500 प्रवासी कश्मीरी मतदाता जम्मू, उधमपुर और दिल्ली के 24 विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान कर सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव 2024 का पहला चरण आज से शुरू हो गया है, और यह चुनाव प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। 10 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर के लोग फिर से अपने मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान कर रहे हैं। सात जिलों की 24 सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हो रहा है। मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण और सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बीच हो रही है, ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न हो सके।
इस बार के चुनाव में कुल 90 सीटों के लिए मतदान हो रहा है, जिनमें 47 सीटें घाटी क्षेत्र में और 43 सीटें जम्मू संभाग में स्थित हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता हैं, जिसमें 42.6 लाख महिलाएं भी शामिल हैं। मतदान के पहले चरण में मतदाताओं का उत्साह साफ दिख रहा है, और सुबह 11 बजे तक 26.7% मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर चुके थे। यह मतदान प्रक्रिया सुबह से ही तेज गति से जारी है, और मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
चुनाव आयोग ने इस बार जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है, ताकि बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के साथ शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित हो सके। दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होगा, जबकि तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को संपन्न होगा। चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, और इसी दिन यह तय होगा कि प्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
चुनाव प्रक्रिया में प्रवासी कश्मीरी मतदाताओं के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में कुल 24 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां 35,500 प्रवासी कश्मीरी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। यह व्यवस्था उन कश्मीरी लोगों के लिए की गई है, जो वर्तमान में जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे हैं लेकिन चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना चाहते हैं।
इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रदेश के विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे मुद्दों को अपने चुनाव प्रचार का केंद्र बिंदु बनाया है। मतदाताओं के लिए इन मुद्दों का महत्व अधिक है, और वे अपने राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट डाल रहे हैं। खासकर, महिलाएं और युवा इस बार के चुनाव में बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं और अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हर मतदान केंद्र पर सुरक्षा बल तैनात हैं, और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्भय होकर मतदान करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्थिरता के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार का चुनाव न केवल प्रदेश की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि यह पूरे देश के लिए भी अहम है। जम्मू-कश्मीर हमेशा से एक संवेदनशील क्षेत्र रहा है, और यहां के चुनावी नतीजे भारत की राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकते हैं।
मतदान प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं में गहरी उत्सुकता देखी जा रही है। मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े मतदाताओं का कहना है कि यह चुनाव प्रदेश के भविष्य को तय करेगा। वे आशा करते हैं कि नई सरकार विकास और सुरक्षा के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।
इस बार के चुनाव में हर दल ने बड़े-बड़े वादे किए हैं, और जनता को अपने पक्ष में करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने पूरा जोर लगाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और प्रदेश की नई सरकार का नेतृत्व कौन करता है।
एक टिप्पणी भेजें