सारांश : शेयर बाजार ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब सेंसेक्स पहली बार 84,000 अंकों के स्तर को पार कर गया और निफ्टी भी 25,700 के करीब पहुंच गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती के बाद वैश्विक बाजारों में तेजी आई, जिससे भारतीय बाजार को भी लाभ हुआ। मेटल सेक्टर में बढ़त रही, जबकि आईटी और वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट आई। यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति और वैश्विक बाजारों के साथ तालमेल को दर्शाता है।

Stock market में ऐतिहासिक उछाल: Sensex पहली बार 84,000 के पार, Nifty 25,700 के नए शिखर पर


भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया, जब बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ने पहली बार 84,000 अंकों का आंकड़ा पार किया। निफ्टी भी इस तेजी के साथ 25,700 के करीब पहुंच गया, जिससे निवेशकों में उत्साह की लहर दौड़ गई। सुबह के कारोबार के पहले ही घंटे में सेंसेक्स 504.17 अंकों की बढ़त के साथ 83,750.73 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 162.86 अंकों की गिरावट के साथ 25,578.65 पर रहा। इस उछाल का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में की गई कटौती थी, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर भी देखने को मिला।


वैश्विक बाजारों का असर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से चार वर्षों के बाद ब्याज दरों में कटौती ने वैश्विक बाजारों में एक नई उछाल पैदा की। इसका सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार को भी मिला। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ने नए रिकॉर्ड बनाए। सेंसेक्स ने 975.1 अंक की छलांग लगाकर 84,159.90 अंक का नया रिकॉर्ड बनाया, जबकि निफ्टी 271.1 अंकों की बढ़त के साथ 25,686.90 अंक पर पहुंच गया।


मेटल सेक्टर में उछाल

मेटल सेक्टर के शेयरों में जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई। प्रमुख कंपनियों जैसे जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, और हिंडाल्को के शेयरों में तेजी देखी गई। जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में 3% से अधिक की बढ़त आई, जबकि टाटा स्टील और हिंडाल्को जैसे अन्य मेटल स्टॉक्स भी 2% से ज्यादा मजबूत हुए। यह तेजी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी द्वारा मेटल सेक्टर पर जारी एक बुलिश नोट के बाद आई, जिसमें भारतीय बाजार की मजबूत नींव और कम होती इनपुट लागत का जिक्र किया गया था।


अन्य प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

सेंसेक्स की 30 प्रमुख कंपनियों में से महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, लार्सन एंड टूब्रो, आईसीआईसीआई बैंक, और अडानी पोर्ट्स ने बाजार में शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, आईटी सेक्टर और वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। वोडाफोन आइडिया के शेयरों में लगभग 3% की गिरावट आई, जबकि आईटी सेक्टर में सुस्ती बनी रही। इसके विपरीत, गोल्ड लोन कारोबार पर आरबीआई द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद आईआईएफएल फाइनेंस के शेयरों में 12% की उछाल देखी गई।


विदेशी निवेशकों का रुझान

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार में बिकवाली जारी रखी, हालांकि इसका व्यापक असर बाजार की तेजी पर नहीं पड़ा। एफआईआई ने गुरुवार को 2,547.53 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। इसके बावजूद घरेलू निवेशकों के सकारात्मक रुख ने बाजार को स्थिर बनाए रखा। वहीं, वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट से भी भारतीय बाजार को राहत मिली। ब्रेंट क्रूड 0.29% गिरकर 74.66 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।


बाजार की व्यापक स्थिति

गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 236.57 अंक या 0.29% की बढ़त के साथ 83,184.80 पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान यह 825.38 अंकों की बढ़त के साथ 83,773.61 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी भी 38.25 अंक या 0.15% की बढ़त के साथ 25,415.80 अंक पर बंद हुआ था। दिन के कारोबार के दौरान यह 234.4 अंकों की बढ़त के साथ 25,611.95 पर पहुंचा था।


निवेशकों के लिए सुझाव

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की यह तेजी अगले कुछ समय तक बनी रह सकती है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "डाउ और एसएंडपी 500 के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने से भारतीय बाजार को भी मजबूती मिली है।" इसके अलावा, मेटल सेक्टर और घरेलू फंडामेंटल्स को देखते हुए निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने की सलाह दी गई है।


हालांकि, निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि बाजार में आईटी सेक्टर में अभी भी सुस्ती है और कुछ चुनिंदा कंपनियों में गिरावट जारी है। वोडाफोन आइडिया जैसे शेयरों में गिरावट की संभावना बनी रह सकती है, जबकि मेटल सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है।


निफ्टी और सेंसेक्स के भविष्य पर नजर

भारतीय शेयर बाजार की इस तेजी ने निवेशकों के बीच सकारात्मकता पैदा की है। उम्मीद है कि सेंसेक्स और निफ्टी अपने नए उच्च स्तर को बनाए रखेंगे और आने वाले दिनों में और अधिक बढ़त देखने को मिल सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और वैश्विक बाजारों के हालात पर नजर रखना भी जरूरी है, क्योंकि यह भारतीय बाजार पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं।

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