सारांश : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ग्रीन इलेक्शन मिशन की शुरुआत की है। यह पहल चेंबूर और अणुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्रों में शुरू की गई है, जहां उम्मीदवारों और मतदाताओं को पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आईएएस अधिकारी डॉ. हीरा लाल की देखरेख में यह अभियान पूरे देश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक उदाहरण बनेगा।


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: ग्रीन इलेक्शन मिशन की शुरुआत, चेंबूर और अणुशक्ति नगर में पर्यावरण अनुकूल चुनाव अभियान


चुनाव आयोग की ग्रीन इलेक्शन पहल का उद्देश्य


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई पहल शुरू की है। चुनाव आयोग की यह ग्रीन इलेक्शन पहल मुंबई की दो विधानसभा क्षेत्रों – चेंबूर और अणुशक्ति नगर – में लागू की गई है। इस पहल का उद्देश्य चुनावों के दौरान होने वाले प्रदूषण को कम करना है। आईएएस अधिकारी डॉ. हीरा लाल, जो इस समय मुंबई में चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त हैं, ने इस मुहिम की शुरुआत की है और इसे पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनाने की बात कही है।


पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली प्रचार सामग्री से परहेज की अपील


चुनाव आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे प्रचार के दौरान ऐसी सामग्रियों का उपयोग न करें जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं। प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री के स्थान पर पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य चुनाव प्रचार के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे और प्रदूषण को कम करना है ताकि प्रदूषण रहित चुनाव का आयोजन किया जा सके।


मतदाताओं से की गई वृक्षारोपण की अपील


इस ग्रीन इलेक्शन मिशन के तहत मतदाताओं को भी पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। आयोग की ओर से मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अपने वोट के साथ एक पौधा अवश्य लगाएं। चूंकि मुंबई जैसे शहर में वृक्षारोपण के लिए खुले स्थानों की कमी है, इसलिए लोगों से अपने घरों या फ्लैट में गमलों में पौधे लगाने की अपील की गई है। इससे न केवल पर्यावरण को लाभ मिलेगा, बल्कि यह समाज में वृक्षारोपण के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।


ग्रीन इलेक्शन का सफल ट्रायल: पंजाब का अनुभव


यह ग्रीन इलेक्शन मिशन पहली बार नहीं है। इससे पहले पंजाब के रोपड़ में इस कॉन्सेप्ट को आजमाया गया था। उस समय, पंजाब चुनावों में इस पहल के तहत 50,000 से अधिक पौधों का रोपण किया गया था। इस सफलता को देखते हुए अब चुनाव आयोग ने इसे महाराष्ट्र में लागू करने का निर्णय लिया है। डॉ. हीरा लाल ने उम्मीद जताई है कि मुंबई में भी यह पहल सफल साबित होगी और देश भर में ग्रीन इलेक्शन का उदाहरण बनेगी।


चुनाव आयोग की पहल का देशभर में प्रभाव


चुनाव आयोग की इस पहल का उद्देश्य न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में एक उदाहरण प्रस्तुत करना है। चुनाव आयोग का मानना है कि इस तरह की पर्यावरण-अनुकूल चुनाव प्रक्रियाएं देश के अन्य हिस्सों में भी लागू की जानी चाहिए ताकि चुनाव प्रक्रिया पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार बन सके।


जनता की भागीदारी की आवश्यकता


इस मिशन की सफलता के लिए जनता की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। मतदाता इस पहल में शामिल होकर एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दे सकते हैं। चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई इस पहल के माध्यम से लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में सभी चुनावों के दौरान पर्यावरण-अनुकूल तरीकों को अपनाया जा सके।

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