सारांश : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए गहमागहमी तेज है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन महायुति गठबंधन में नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाई है। देवेंद्र फडणवीस का नाम चर्चा में है, जबकि शिवसेना बिहार मॉडल की मांग कर रही है। नई सरकार के गठन और शपथ ग्रहण की तारीख अब भी तय नहीं है।

Maharashtra में Chief Minister पद पर घमासान : Shinde का Resignation और Fadnavis के नाम की चर्चा


महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है। विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने शानदार जीत दर्ज की, लेकिन सरकार गठन की प्रक्रिया उलझी हुई है। मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। अब महायुति में भाजपा के मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनती दिख रही है।


एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुंबई के राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा। इस दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी उनके साथ मौजूद रहे। हालांकि, नए मुख्यमंत्री के चयन तक शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे।


देवेंद्र फडणवीस बन सकते हैं मुख्यमंत्री

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद भाजपा को दिए जाने पर सहमति बन गई है। इस बात की प्रबल संभावना है कि देवेंद्र फडणवीस को यह जिम्मेदारी दी जाएगी। फडणवीस इससे पहले भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पार्टी के अनुभवी नेता माने जाते हैं।


शिवसेना की मांग और बिहार मॉडल

शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांग की जा रही है। शिवसेना ने बिहार मॉडल का हवाला देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में भी भाजपा को ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद सीएम पद छोड़ देना चाहिए, जैसा कि बिहार में भाजपा ने नीतीश कुमार के लिए किया था।


शिवसेना के सात सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। इसे शिवसेना की ओर से दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। शिवसेना प्रवक्ता संजय पांडुरंग शिरसाट ने मीडिया को बताया कि नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा 30 नवंबर को हो सकती है।


क्या शिंदे लेंगे डिप्टी सीएम का पद?

अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं, तो वे उपमुख्यमंत्री का पद भी स्वीकार नहीं करेंगे। शिंदे ने संकेत दिया है कि वे अपनी जगह पार्टी के किसी अन्य नेता को डिप्टी सीएम बना सकते हैं।


चुनाव परिणाम : महायुति की बड़ी जीत

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 234 सीटों पर जीत दर्ज की। भाजपा ने 132 सीटों पर कब्जा किया, शिवसेना ने 57 और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं। यह जीत महायुति की ताकत और जनसमर्थन को दर्शाती है।


सीएम पद को लेकर खींचतान

चुनाव परिणामों के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है। भाजपा का कहना है कि उसने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, इसलिए मुख्यमंत्री उसका होना चाहिए। दूसरी ओर, शिवसेना ने बिहार फार्मूले की मांग करते हुए एकनाथ शिंदे को सीएम बनाए रखने पर जोर दिया है।


नई सरकार का गठन और शपथ ग्रहण

महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन कब होगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय होने के बाद ही शपथ ग्रहण की तारीख घोषित की जाएगी। अनुमान है कि यह प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी हो सकती है।


भाजपा की रणनीति और गठबंधन की चुनौती

भाजपा के लिए यह स्थिति काफी संवेदनशील है। उसे न केवल शिवसेना और एनसीपी गुट को संतुष्ट करना है, बल्कि अपनी पार्टी की छवि और स्थिरता भी बनाए रखनी है। मुख्यमंत्री पद के विवाद को सुलझाना और महायुति में समन्वय स्थापित करना भाजपा की प्राथमिकता है।


राजनीतिक समीकरणों का प्रभाव

महाराष्ट्र की राजनीति में यह सस्पेंस सिर्फ सरकार गठन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गठबंधन की दीर्घकालिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है। भाजपा और शिवसेना के बीच बढ़ता तनाव भविष्य में महायुति की एकता के लिए चुनौती बन सकता है।


निष्कर्ष :

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा सस्पेंस राज्य की राजनीति को और रोचक बना रहा है। एकनाथ शिंदे के इस्तीफे के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान तेज हो गई है। देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना बढ़ी है, लेकिन शिवसेना के दबाव और राजनीतिक समीकरण इस प्रक्रिया को और जटिल बना रहे हैं।

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