सारांश: मेलबर्न टेस्ट के आखिरी सेशन में टीम इंडिया की हार ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की उम्मीदों को झटका दिया। विवादित अंपायरिंग और बल्लेबाजों की लचर प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।


2 घंटे में पलटा खेल: बांग्लादेशी अंपायर के फैसले से जीता ऑस्ट्रेलिया, टीम इंडिया को झटका


ऑस्ट्रेलिया की जीत और भारत की हार का पूरा घटनाक्रम मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट के अंतिम दिन, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेल का रोमांच अपने चरम पर था। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 234 रन पर सिमट गई, जिससे भारत को जीत के लिए 340 रनों का लक्ष्य मिला। पहले दो सेशनों में भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ हद तक संघर्ष दिखाया, लेकिन अंतिम सेशन में पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और 155 रन पर ऑलआउट हो गई।


इस हार के साथ, ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। हालांकि, भारत के पास सीरीज बराबर करने का एक और मौका रहेगा।


आखिरी दिन का रोमांच और भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी दिन की शुरुआत शानदार तरीके से की। उन्होंने नाथन लायन का विकेट जल्द ही गिराकर ऑस्ट्रेलिया की पारी को समाप्त किया। इसके बाद, भारतीय बल्लेबाजों के पास 340 रनों का बड़ा लक्ष्य था।


पहले सेशन में रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली के आउट होने से भारत मुश्किल में आ गया। हालांकि, दूसरे सेशन में यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत ने संयम से खेलते हुए टीम को संभाला। दोनों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को खूब परेशान किया और उम्मीद जगाई कि भारत इस मुकाबले को ड्रॉ या जीत की ओर ले जा सकता है।


तीसरे सेशन में खेल पूरी तरह पलट गया। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने ट्रेविस हेड को गेंदबाजी पर लाकर एक चतुर चाल चली। ऋषभ पंत एक गैर-जरूरी शॉट खेलने के चक्कर में आउट हो गए। इसके बाद रवींद्र जडेजा और पिछली पारी के शतकवीर नीतीश कुमार रेड्डी भी जल्दी-जल्दी आउट हो गए।


विवादित फैसले से मैच पलटा सबसे बड़ी विवादास्पद घटना यशस्वी जायसवाल के आउट होने की रही। पैट कमिंस की गेंद पर विकेट के पीछे कैच की अपील को फील्ड अंपायर ने नकार दिया। ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू लिया और बांग्लादेशी थर्ड अंपायर शर्फुद्दौला ने एक हैरान करने वाला फैसला दिया।


स्नीको मीटर ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ था। इसके बावजूद, अंपायर ने वीडियो फुटेज के आधार पर यह मान लिया कि गेंद यशस्वी के ग्लव्स से लगी थी। इस फैसले ने भारतीय खेमे में नाराजगी पैदा कर दी और मैच का पूरा रुख बदल दिया।


ऑस्ट्रेलिया की रणनीति और भारत की असफलता ऑस्ट्रेलिया ने अपने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल करते हुए भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में रखा। अंतिम सेशन में उनके गेंदबाजों ने बेहतरीन लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की, जिससे भारतीय बल्लेबाज गलतियां करते गए।


दूसरी ओर, भारतीय टीम ने कुछ गलत फैसले और शॉट सिलेक्शन के चलते अपनी स्थिति कमजोर की। यह हार टीम की मानसिकता और मैच की परिस्थितियों को सही ढंग से पढ़ने में असफलता को दर्शाती है।


क्या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की राह मुश्किल हो गई? इस हार के साथ भारतीय टीम की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को झटका लगा है। अब भारत को न केवल अगला मैच जीतना होगा, बल्कि अन्य टीमों के परिणामों पर भी निर्भर रहना पड़ेगा।


कहां हुई चूक और क्या हो सकता था बेहतर?

  • बल्लेबाजों का शॉट सिलेक्शन निराशाजनक रहा।
  • विवादित अंपायरिंग ने भारत की मुश्किलें और बढ़ा दीं।
  • कप्तानी में रणनीतिक चूक दिखी, खासकर फील्ड सेटिंग और गेंदबाजों के इस्तेमाल में।

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