सारांश : साल 2025 भारत के लिए राजनीति, छुट्टियों और सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसलों के लिहाज से खास होगा। दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे, कई संवेदनशील मामलों पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा और सालभर में कई लॉन्ग वीकेंड का लुत्फ उठाया जा सकेगा। आइए जानते हैं 2025 की पूरी जानकारी।
2025: चुनावों की सरगर्मियां
साल 2025 देश की राजनीति के लिए निर्णायक साबित होने वाला है। दिल्ली और बिहार जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां आम आदमी पार्टी पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है, लेकिन इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है। बीजेपी और आप के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। चुनाव आयोग जनवरी के पहले सप्ताह में तारीखों का ऐलान कर सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होंगे। वर्तमान में यहां एनडीए की सरकार है, लेकिन सभी राजनीतिक दल पहले से ही अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। 6 जनवरी 2025 को चुनाव आयोग मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। इस चुनाव के नतीजों का असर राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है।
2025 में छुट्टियों की बहार
साल 2025 छुट्टियों के मामले में खास होगा। गणतंत्र दिवस, होली, दिवाली जैसे त्योहार वर्किंग डेज़ पर पड़ेंगे, जिससे लंबी छुट्टियों का मजा लिया जा सकेगा।
प्रमुख गजेटेड छुट्टियां
- गणतंत्र दिवस: 26 जनवरी (रविवार)
- होली: 14 मार्च (शुक्रवार)
- ईद-उल-फितर: 31 मार्च (सोमवार)
- दिवाली: 20 अक्टूबर (सोमवार)
- क्रिसमस: 25 दिसंबर (गुरुवार)
वैकल्पिक छुट्टियां
- मकर संक्रांति: 14 जनवरी (मंगलवार)
- वसंत पंचमी: 2 फरवरी (रविवार)
- गणेश चतुर्थी: 27 अगस्त (बुधवार)
2025 में छुट्टियों के साथ कई लॉन्ग वीकेंड भी मिलेंगे, जिनमें घूमने-फिरने की योजना बनाई जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक फैसले
साल 2025 में सुप्रीम कोर्ट कई ऐसे मामलों पर सुनवाई करेगा, जिनका देश की राजनीति और समाज पर गहरा असर होगा।
दिल्ली में सर्विसेज विवाद
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सर्विसेज के अधिकारों को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट को 2025 में इस मामले पर फैसला देना है।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का मामला
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनवाई करेगी। यह मामला विपक्षी दलों और केंद्र सरकार के बीच तनाव का कारण बना हुआ है।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाए गए नए कानून को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
उपासना स्थल ऐक्ट का परीक्षण
उपासना स्थल ऐक्ट 1991 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इस कानून का उद्देश्य 1947 की स्थिति के अनुसार धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखना है। कोर्ट का फैसला कई संवेदनशील मामलों पर असर डालेगा।
मैरिटल रेप का मामला
सुप्रीम कोर्ट मैरिटल रेप को लेकर दायर याचिका पर फैसला करेगा। इसमें पति को बलात्कार कानून से छूट देने के प्रावधान की संवैधानिक वैधता की जांच की जाएगी।
तीन तलाक कानून की चुनौती
तीन तलाक कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। 2017 में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने के बावजूद इस प्रथा को रोकने के लिए कानून बनाया गया था।
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