सारांश: महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पलाधी गांव में दो गुटों के बीच पथराव और आगजनी की घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव फैला दिया। विवाद की शुरुआत मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार को ले जा रही गाड़ी के हॉर्न बजाने से हुई, जिससे ग्रामीण और पार्टी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। घटना के बाद पुलिस ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया और कई लोगों को हिरासत में लिया।
महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। घटना मंगलवार रात की है, जब शिवसेना के मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार को ले जा रहे वाहन के चालक ने पलाधी गांव में हॉर्न बजाया। इस छोटी सी बात ने वहां मौजूद लोगों के बीच कहासुनी का रूप ले लिया। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्साई भीड़ ने पथराव कर दिया और दुकानों व वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
विवाद कैसे शुरू हुआ
मंगलवार की रात, मंत्री के परिवार को ले जा रहे वाहन का चालक गांव के मुख्य मार्ग से गुजर रहा था। चालक द्वारा बार-बार हॉर्न बजाने से कुछ ग्रामीण नाराज हो गए। यह नाराजगी तेजी से बढ़कर ग्रामीणों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस में बदल गई। मामले को शांत करने की कोशिश विफल रही, और गुस्से में भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।
पथराव और आगजनी
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुछ दुकानों और वाहनों को आग लगा दी गई। जलगांव पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस ने बताया कि घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।
पुलिस की कार्रवाई
जलगांव की एएसपी कविता नेरकर ने जानकारी दी कि स्थिति को देखते हुए पलाधी गांव में बुधवार शाम तक कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। उन्होंने गांववालों से अपील की कि वे कानून का पालन करें और शांति बनाए रखें। पुलिस ने इस घटना के संबंध में अज्ञात 20-25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पिछले महीने परभणी की घटना
यह घटना पिछले महीने परभणी में हुई हिंसा की याद दिलाती है, जब कलेक्टर कार्यालय के सामने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के पास रखी संविधान की प्रति तोड़ दी गई थी। इसके बाद परभणी में भीड़ ने दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया था।
प्रशासन की चुनौती
ऐसी घटनाएं प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। छोटे विवादों का इतना बड़ा रूप लेना और आगजनी जैसी घटनाओं का होना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
क्षेत्र में सामान्य स्थिति की कोशिश
फिलहाल, जलगांव में स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं। पुलिस बल की तैनाती और कर्फ्यू जैसे कदमों के बाद हालात काबू में हैं। प्रशासन का कहना है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी और किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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