सारांश: सरकार जल्द ही मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य बनाने के लिए नए नियम लागू करेगी। इसके बिना लाइसेंस रिन्यूअल, पेट्रोल-डीजल खरीदने और FASTag प्राप्त करने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम सड़कों पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या को कम करने और दुर्घटनाओं में पीड़ितों को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।


नया नियम: पेट्रोल, CNG और FASTag लेने के लिए जरूरी होगा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

नए नियमों का उद्देश्य और प्रस्तावित बदलाव

वित्त मंत्रालय ने सड़क परिवहन मंत्रालय को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करने के सुझाव दिए हैं, ताकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अधिक व्यापक बनाया जा सके। प्रस्ताव के अनुसार, बिना वैध थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वाले वाहन मालिकों को टेक्स्ट मैसेज के जरिए जागरूक किया जाएगा। साथ ही, डीएल और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यूअल जैसी सेवाओं को इंश्योरेंस के साथ जोड़ा जाएगा।


यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी वाहन बिना इंश्योरेंस के सड़कों पर न चले। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस सड़क हादसों में तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई करता है।


पेट्रोल और FASTag के लिए भी जरूरी होगा इंश्योरेंस

आने वाले समय में, पेट्रोल, डीजल, और CNG खरीदने के लिए वाहन मालिकों को अपने वाहन का वैध थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दिखाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, FASTag लेने और ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए भी यह अनिवार्यता लागू की जाएगी। इन बदलावों के पीछे मुख्य कारण यह है कि भारत में लगभग 50% वाहन बिना इंश्योरेंस के सड़कों पर चलते हैं।


सरकार का यह कदम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की अनिवार्यता सुनिश्चित करेगा और सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मुआवजा मिलने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।


थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: क्यों है जरूरी?

मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस हर वाहन के लिए अनिवार्य है। इसके बावजूद कई वाहन मालिक इसे नजरअंदाज करते हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों या क्षतिग्रस्त संपत्तियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।


इन नियमों के उल्लंघन पर तीन महीने की जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है। नई योजना के तहत, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना इंश्योरेंस के कोई वाहन सड़क पर न चले।


कैसे लागू होंगे नए नियम?

सड़क परिवहन मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम के सख्त प्रवर्तन के निर्देश दिए हैं। इसके तहत, पेट्रोल पंप और अन्य सुविधाओं को इस बात के लिए निर्देशित किया जाएगा कि वे केवल उन्हीं वाहनों को सेवाएं प्रदान करें जिनके पास वैध थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है।


इसके अलावा, सरकार इंश्योरेंस कंपनियों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाएगी, ताकि वाहन मालिक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की अहमियत समझ सकें।


वाहन मालिकों के लिए क्या होगा बदलाव?

  • पेट्रोल-डीजल खरीदने पर रोक: अगर आपके वाहन का इंश्योरेंस वैध नहीं है, तो आप पेट्रोल, डीजल, या CNG नहीं खरीद पाएंगे।
  • FASTag जारी नहीं होगा: FASTag प्राप्त करने के लिए भी वैध इंश्योरेंस अनिवार्य होगा।
  • डीएल रिन्यूअल: ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना संभव नहीं होगा।
  • पॉल्यूशन सर्टिफिकेट: पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के लिए भी इंश्योरेंस की जरूरत होगी।


सरकार का उद्देश्य

सरकार का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को बेहतर बनाना और इंश्योरेंस कवर का दायरा बढ़ाना है।


नियम लागू होने का संभावित प्रभाव

  • सड़कों पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी।
  • दुर्घटनाओं में मुआवजा प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जा सकेगा।
  • वाहन मालिकों के बीच थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।

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