सारांश : घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी ने शुरुआती बढ़त दिखाई लेकिन बिकवाली के दबाव के चलते लाल निशान में आ गए। विदेशी पूंजी निकासी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद खरीदारों की वापसी ने बाजार को संभालने में मदद की।


Stock Market में उतार-चढ़ाव : हरे निशान पर लौटा Sensex, जानिए बाजार की ताजा स्थिति


शुक्रवार को कैसा रहा बाजार का रुख?

घरेलू शेयर बाजार में कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन सकारात्मक शुरुआत हुई। बीएसई सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 270.76 अंकों की बढ़त के साथ 77,890.97 पर कारोबार किया, जबकि एनएसई निफ्टी 69.5 अंक ऊपर 23,596 के स्तर पर पहुंच गया।


लेकिन जल्द ही बिकवाली के दबाव के चलते दोनों सूचकांक लाल निशान में आ गए। सेंसेक्स ने 306.07 अंकों की गिरावट के साथ 77,313.56 अंक पर और निफ्टी ने 112.10 अंक फिसलकर 23,412.45 पर कारोबार किया।


बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच खरीदारों की वापसी

बिकवाली के दबाव के बाद भी निवेशकों ने सकारात्मक रुख अपनाया, जिससे सूचकांक दोबारा हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहे। सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर सेंसेक्स 221.86 अंक (0.28%) की बढ़त के साथ 77,838.27 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 66.80 अंक (0.28%) ऊपर 23,593.30 पर था।


प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के शेयरों ने चार प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इसके अलावा टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एचसीएल टेक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और नेस्ले के शेयरों में भी बढ़त देखी गई।

वहीं, इंडसइंड बैंक, जोमैटो, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), अदाणी पोर्ट्स और पावर ग्रिड के शेयर नुकसान में रहे।


एशियाई बाजारों का रुझान

दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुआ जबकि हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट और जापान का निक्केई नुकसान में रहे।


रुपये की स्थिति

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में रुपया एक पैसे गिरकर 85.87 के स्तर पर आ गया। गुरुवार को यह 85.86 पर बंद हुआ था।

डॉलर सूचकांक, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा की स्थिति दर्शाता है, 0.03% की बढ़त के साथ 109.03 पर था। इस बीच, 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.68% हो गया।


कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल देखा गया। ब्रेंट क्रूड 0.31% की बढ़त के साथ 77.16 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने रुपये पर दबाव बनाया, हालांकि घरेलू शेयर बाजार से सकारात्मक संकेतों ने इसे कुछ हद तक संतुलित किया।


निवेशकों के लिए सलाह

बाजार के इस उतार-चढ़ाव भरे माहौल में विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। मजबूत कंपनियों के शेयरों में दीर्घकालिक निवेश करने की सलाह दी जा रही है। विदेशी निवेशकों के रुख और वैश्विक बाजार की स्थिति पर नजर बनाए रखना भी जरूरी है।

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