सारांश: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल लोन संचालन में अनियमितताओं और तय दिशानिर्देशों का पालन न करने पर मुंबई स्थित एनबीएफसी X10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया। कंपनी ने क्रेडिट मूल्यांकन, ब्याज दर निर्धारण और 'अपने ग्राहक को जानें' (KYC) जैसे महत्वपूर्ण कार्य सेवा प्रदाताओं को आउटसोर्स कर दिए थे। RBI की इस कार्रवाई को एनबीएफसी के बीच अनुशासन सुनिश्चित करने का प्रयास माना जा रहा है।


आरबीआई की सख्त कार्रवाई: X10 फाइनेंशियल सर्विसेज का लाइसेंस रद्द, डिजिटल लोन संचालन में गड़बड़ी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल लोन संचालन में गड़बड़ियों और दिशानिर्देशों की अनदेखी करने पर सख्त कदम उठाते हुए मुंबई स्थित एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) X10 फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कंपनी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म और सेवा प्रदाताओं के जरिए छोटे और मध्यम आकार के कर्ज देने का काम कर रही थी।


डिजिटल लोन संचालन में गड़बड़ी

RBI ने पाया कि X10 फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने मुख्य संचालन जैसे क्रेडिट मूल्यांकन, ब्याज दर तय करना और KYC सत्यापन जैसे कार्य थर्ड-पार्टी सेवा प्रदाताओं को आउटसोर्स कर दिए थे। यह कदम न केवल RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, बल्कि ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए भी जोखिम पैदा करता है।


क्रेडिट मूल्यांकन में खामियां

कंपनी ने अपने कर्ज देने के लिए आवश्यक क्रेडिट मूल्यांकन को नजरअंदाज कर दिया और इसे सेवा प्रदाताओं के जिम्मे छोड़ दिया।


ब्याज दर निर्धारण का नियमों का उल्लंघन

RBI के अनुसार, ब्याज दरों का निर्धारण एनबीएफसी का मुख्य कार्य है, लेकिन X10 फाइनेंशियल ने इसे भी थर्ड-पार्टी को सौंप दिया।


KYC प्रक्रिया में खामियां

KYC सत्यापन, जो कि ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, को भी आउटसोर्स किया गया, जिससे नियमों का उल्लंघन हुआ।


सेवा प्रदाताओं की भूमिका

X10 फाइनेंशियल सर्विसेज ने कई तकनीकी सेवा प्रदाताओं जैसे वेकैश टेक्नोलॉजी, एक्सएनपी टेक्नोलॉजी, यारलुंग टेक्नोलॉजी, और मैड-एलिफेंट नेटवर्क टेक्नोलॉजी के जरिए अपने लोन संचालन को अंजाम दिया। इन सेवा प्रदाताओं की गतिविधियों की निगरानी करने में कंपनी पूरी तरह असफल रही।


RBI की कार्रवाई और उसका प्रभाव

केंद्रीय बैंक ने X10 फाइनेंशियल का पंजीकरण प्रमाणपत्र (CoR) रद्द करते हुए यह स्पष्ट किया कि कंपनी अब एनबीएफसी के तौर पर कोई व्यापार नहीं कर सकती। इस कदम से अन्य एनबीएफसी को भी यह संदेश दिया गया है कि डिजिटल लोन संचालन में अनियमितताओं के लिए कोई स्थान नहीं है।


पिछले रिकॉर्ड और X10 का सफर

X10 फाइनेंशियल सर्विसेज को पहले "अभिषेक सिक्योरिटीज लिमिटेड" के नाम से जाना जाता था। इसे जून 2015 में एनबीएफसी के रूप में पंजीकरण प्राप्त हुआ था। हाल के वर्षों में डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता के बावजूद, कंपनी नियामक मानकों को बनाए रखने में असफल रही।


ग्राहकों पर प्रभाव

इस कार्रवाई से कंपनी के मौजूदा ग्राहकों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, RBI ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।


डिजिटल लोन संचालन के लिए RBI के दिशा-निर्देश

डिजिटल लोन संचालन में पारदर्शिता और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए RBI ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

  • सभी क्रेडिट मूल्यांकन और ब्याज दर निर्धारण का नियंत्रण एनबीएफसी के पास रहना चाहिए।
  • KYC प्रक्रिया का पालन पूर्ण रूप से किया जाना चाहिए।
  • सेवा प्रदाताओं की गतिविधियों पर निगरानी रखना अनिवार्य है।

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