सारांश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम फैसले लिए हैं। इसमें स्किल इंडिया प्रोग्राम के लिए 8800 करोड़ रुपये की मंजूरी, आंध्र प्रदेश में नया रेलवे डिवीजन, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल का विस्तार और नया आयकर विधेयक शामिल है। यह नया विधेयक छह दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा। इन फैसलों से देश के कौशल विकास, रेलवे नेटवर्क और कर प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
स्किल इंडिया प्रोग्राम के लिए 8800 करोड़ रुपये की मंजूरी
मोदी सरकार ने स्किल इंडिया मिशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 2022-23 से 2025-26 तक 8800 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। यह योजना तीन प्रमुख घटकों पर आधारित होगी:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (PMKVY 4.0) – इसके लिए 6000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस योजना के तहत अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जो राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुरूप होंगे।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप योजना (PM-NAPS) – इस योजना के लिए 1942 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत युवाओं को उद्योगों में अप्रेंटिसशिप का मौका दिया जाएगा।
- जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना – इसमें 858 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। यह योजना समाज के वंचित वर्गों, खासतौर पर महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
सरकार का कहना है कि इस योजना से शहरी और ग्रामीण युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल मिलेगा, जिससे वे रोजगार योग्य बनेंगे और उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
आंध्र प्रदेश में नया रेलवे डिवीजन और रेलवे पुनर्गठन
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि पूर्वी तट रेलवे जोन के तहत एक नया रायगढ़ा रेलवे डिवीजन बनाया जाएगा। इसके अलावा, वाल्टेयर डिवीजन का नाम बदलकर विशाखापत्तनम रेलवे डिवीजन किया जाएगा और इसे दक्षिण तट रेलवे ज़ोन में शामिल किया जाएगा।
इस फैसले से आंध्र प्रदेश के रेलवे बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और रेलवे परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी मिल सकेगी। सरकार का मानना है कि यह निर्णय रेलवे के विकास, संचालन और प्रशासन को अधिक प्रभावी बनाएगा।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल बढ़ा
मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल अप्रैल 2025 से मार्च 2028 तक बढ़ा दिया है। इस विस्तार से सफाई कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।
यह आयोग सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान, उनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए काम करता है। इस विस्तार पर सरकार 50.91 करोड़ रुपये खर्च करेगी। आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होते हैं। सरकार का कहना है कि यह निर्णय "सबका साथ, सबका विकास" की नीति को दर्शाता है।
नए इनकम टैक्स बिल को मिली मंजूरी
मोदी सरकार ने छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट को बदलने के लिए नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, यह बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा और इसे संसदीय वित्त समिति के पास भेजा जाएगा।
वर्तमान बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान इस नए विधेयक पर चर्चा होगी। सरकार का मानना है कि यह बिल आयकर प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाएगा, जिससे करदाताओं को लाभ मिलेगा।
इन फैसलों से कैसे बदलेगा देश का परिदृश्य?
मोदी सरकार के इन बड़े फैसलों से देश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे:
- स्किल इंडिया प्रोग्राम से लाखों युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और औद्योगिक क्षेत्र को कुशल श्रमिक उपलब्ध होंगे।
- रेलवे पुनर्गठन से यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, रेलवे प्रशासन में सुधार होगा और आंध्र प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का विस्तार से सफाई कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
- नया इनकम टैक्स बिल कर प्रणाली को सरल बनाएगा और व्यक्तिगत करदाताओं और कंपनियों के लिए कर भुगतान को आसान बनाएगा।
सरकार के इन निर्णयों से भारत के कौशल विकास, रेलवे नेटवर्क और कर प्रशासन में व्यापक सुधार होगा, जो देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा।
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