सारांश : भारतीय शेयर बाजार में 28 फरवरी को बड़ी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 1000 अंक से अधिक टूटा और निफ्टी में भी भारी गिरावट आई। इस गिरावट की प्रमुख वजहें अमेरिका का नया टैरिफ ऐलान, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और तीसरी तिमाही (Q3) GDP आंकड़ों को लेकर अनिश्चितता हैं। इससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और BSE का कुल मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये घट गया।
शेयर बाजार में मंदी का दौर जारी
भारतीय शेयर बाजार ने 28 फरवरी को भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स 1,027.60 अंक (1.38%) गिरकर 73,584.83 पर और निफ्टी 315.60 अंक (1.40%) गिरकर 22,229.45 पर पहुंच गया। बाजार में लगातार आठवें दिन गिरावट जारी है, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है।
प्रमुख कारण जो बाजार को प्रभावित कर रहे हैं
1. अमेरिका का नया टैरिफ ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 4 मार्च से मेक्सिको और कनाडा से आयात होने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। साथ ही, चीन से आयातित उत्पादों पर अतिरिक्त 10% शुल्क लगाया गया है। इस फैसले से वैश्विक बाजारों में दबाव बढ़ा है, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ है।
2. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। फरवरी में अब तक उन्होंने 46,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। जनवरी को मिलाकर यह आंकड़ा 1.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। निवेशकों की चिंता भारतीय बाजारों की ऊंची वैल्यूएशन और डॉलर की मजबूती को लेकर बनी हुई है।
3. भारत की तीसरी तिमाही GDP डेटा का असर
भारत की तीसरी तिमाही (Q3) GDP रिपोर्ट जारी होने वाली है, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। निवेशकों को डर है कि आर्थिक विकास दर उम्मीद से कम रह सकती है, जिससे बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है।
4. अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़े
अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ रही है और चौथी तिमाही (Q4) के GDP डेटा में केवल 2.3% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो आर्थिक सुस्ती का संकेत देती है। इससे भी वैश्विक बाजारों में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सेक्टरवार गिरावट की स्थिति
बाजार में गिरावट का असर लगभग सभी सेक्टर्स पर पड़ा है।
IT सेक्टर: निफ्टी IT इंडेक्स 3% तक गिरा।
ऑटो सेक्टर: लगभग 2% की गिरावट।
बैंकिंग और टेक्नोलॉजी शेयर: इनमें भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स: 1% से अधिक गिरावट देखी गई।
BSE का कुल मार्केट कैप 6 लाख करोड़ रुपये घटा
शेयर बाजार में गिरावट के कारण BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 5.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 387.3 लाख करोड़ रुपये रह गया है। यह निवेशकों के लिए बड़ा झटका है।
लगातार 8वें दिन गिरावट जारी
शेयर बाजार में यह गिरावट लगातार आठवें दिन जारी रही। सेंसेक्स में शामिल प्रमुख कंपनियों में इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंफोसिस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और मारुति को सबसे अधिक नुकसान हुआ। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और HDFC बैंक हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।
बाजार को संभालने के लिए आगे की रणनीति
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में स्थिरता लाने के लिए सरकार को जल्द आर्थिक सुधारों पर ध्यान देना होगा। इसके अलावा, वैश्विक घटनाक्रमों पर भी निवेशकों को सतर्क नजर बनाए रखनी होगी।
निष्कर्ष :
शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट कई वैश्विक और घरेलू कारकों के कारण आई है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और लंबी अवधि की रणनीति पर ध्यान देने की जरूरत है।
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