सारांश : कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 700 अंक लुढ़क गया, जबकि निफ्टी में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। रियल एस्टेट, आईटी और टेलीकॉम सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।


Stock Market में भारी गिरावट : Sensex 700 अंक टूटा, Nifty में भारी गिरावट


शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी, निवेशकों में बढ़ी चिंता

भारतीय शेयर बाजार ने 24 फरवरी 2025 को भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। शुरुआती घंटों में सेंसेक्स 704.70 अंक (0.94%) की गिरावट के साथ 74,606.36 पर आ गया, जबकि निफ्टी 215.85 अंक (0.95%) गिरकर 22,580.05 पर कारोबार कर रहा था।


किन सेक्टर्स पर पड़ा सबसे अधिक असर?

शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा प्रभाव रियल एस्टेट, आईटी, टेलीकॉम और मीडिया सेक्टर पर पड़ा।

Nifty Realty Index : 2.21% गिरकर 825.80 पर पहुंच गया।

Nifty Midsmall IT & Telecom Index : 2.04% की गिरावट के साथ 9,280.55 पर आ गया।

Nifty Media Index : 1.73% टूटकर 1,466.55 पर पहुंच गया।

इसके अलावा बैंकिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी हल्की गिरावट देखने को मिली।


सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से ज्यादातर गिरावट में रहे। सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले प्रमुख स्टॉक्स:

Zomato: 2.04% गिरकर ₹225.55 पर ट्रेड कर रहा था।

HCL टेक्नोलॉजीज़ : 1.52% की गिरावट के साथ ₹1,674.95 पर कारोबार कर रहा था।

पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया : 1.38% गिरकर ₹258.15 पर आ गया।

हालांकि, सेंसेक्स के 30 शेयरों में से केवल 5 स्टॉक्स ही हरे निशान में ट्रेड कर रहे थे।


गिरावट के पीछे क्या कारण?

1. कमजोर वैश्विक संकेत

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा व्यापारिक साझेदारों पर नए टैरिफ (Trump Tariff) लगाने की घोषणा से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है।

इससे अमेरिकी बाजार में भी गिरावट आई, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।

2. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने बीते हफ्ते 7,793 करोड़ रुपये की बिकवाली की।

फरवरी 2025 में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार से 23,710 करोड़ रुपये निकाले।

2025 की शुरुआत से अब तक FPI ने भारतीय शेयरों से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है, जिससे बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।


बीते हफ्ते बाजार में कैसा रहा था रुख?

17 से 21 फरवरी के बीच भी भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। इस अवधि में:

सेंसेक्स: 628.15 अंक (0.82%) गिरा।

निफ्टी: 133.35 अंक (0.58%) गिरा।

देश की 10 शीर्ष कंपनियों में से 8 का कुल मार्केट कैप: 1,65,784.9 करोड़ रुपये घट गया।


क्या निफ्टी में और गिरावट हो सकती है?

2025 की शुरुआत से अब तक निफ्टी में 4% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

अगर:

विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहती है,

वैश्विक आर्थिक संकेत कमजोर बने रहते हैं,

अमेरिकी नीतियों में कोई बड़ा बदलाव आता है,

तो भारतीय बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है।


निवेशकों की नजर किन आर्थिक आंकड़ों पर?

आने वाले दिनों में निवेशकों की नजर कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों पर होगी, जिनका असर बाजार की दिशा पर पड़ सकता है:


26 फरवरी 2025: अमेरिका में होम सेल्स डेटा जारी होगा।

27 फरवरी 2025: अमेरिकी GDP ग्रोथ का दूसरा अनुमान आएगा।

28 फरवरी 2025:

भारत सरकार चालू वित्त वर्ष (2024-25) की तीसरी तिमाही का GDP डेटा जारी करेगी।

आगामी वित्त वर्ष के लिए GDP का दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया जाएगा।

अगर इन आंकड़ों में कोई नकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो भारतीय बाजार में और अधिक गिरावट संभव है।


निवेशकों को क्या करना चाहिए?

बाजार में गिरावट के दौरान घबराने की बजाय लंबी अवधि के लिए मजबूत स्टॉक्स पर निवेश बनाए रखें।

ब्लू-चिप कंपनियों और डिफेंसिव सेक्टर्स जैसे FMCG और फार्मा पर ध्यान दें।

विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर नजर रखें, क्योंकि उनकी बिकवाली बाजार को और नीचे खींच सकती है।

बाजार में स्थिरता आने तक हाई-रिस्क वाले शेयरों में निवेश से बचें।


निष्कर्ष

भारतीय शेयर बाजार कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते दबाव में है। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट का सिलसिला जारी है, और कई सेक्टर्स में नुकसान देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को सतर्क रहने और लंबी अवधि के निवेश रणनीति अपनाने की जरूरत है।


 

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